कोर्ट परिसर में सफाई को लेकर अदालत का बड़ा आदेश, सभी एजेंसियों को मिलकर सुधार करने का निर्देश
गुरुग्राम जिला अदालत ने सफाई व्यवस्था पर सख्त आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने नगर निगम समेत कई विभागों को मिलकर सुधार करने के निर्देश दिए हैं। बार एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि जिम्मेदारी के झगड़े के कारण वकीलों और जनता को परेशानी नहीं होनी चाहिए। अदालत ने सफाई और सुरक्षा को प्राथमिकता देने की बात कही है। मामले की अगली सुनवाई 1 दिसंबर 2025 को होगी।

गौरव सिंगला,नया गुरुग्राम। गुरुग्राम जिला अदालत परिसर की गंदगी और अव्यवस्था को लेकर अब सख्त कदम उठाए जाने की उम्मीद है। सिविल जज सीनियर डिविजन मनीष कुमार ने सोमवार को बार एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से सुधार के लिए विभिन्न अंतरिम निर्देश जारी किए हैं।
जिला बार एसोसिएशन की तरफ से दायर याचिका में अध्यक्ष निकेश राज यादव ने बताया कि अदालत परिसर में रोजाना 10,000 से ज्यादा वकील, सैकड़ों कर्मचारी और हजारों लोग पहुंचते हैं, लेकिन लंबे समय से यहां सीवर ओवरफ्लो, बदबूदार पानी, टूटी सड़कें, कूड़े का ढेर और आवारा जानवरों की वजह से माहौल बेहद खराब हैं।
इसे लेकर कई बार प्रशासन को अवगत कराया गया, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए इस बात से सहमति जताते हुए कहा कि नगर निगम, जीएमडीए, पीडब्ल्यूडी और डीसी के बीच जिम्मेदारी के झगड़े के कारण वकीलों और जनता को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
अदालत ने स्पष्ट कहा कि न्याय का मंदिर साफ, सुरक्षित और सम्मानजनक होना चाहिए और लापरवाही की वजह से लोगों को हो रहा नुकसान गंभीर और अप्रतिकार्य है। इस मामले की अगली सुनवाई 1 दिसंबर 2025 को होगी, जिसमें अदालत आदेशों के अनुपालन की समीक्षा करेगी। अदालत ने स्पष्ट कहा कि जिला अदालत परिसर की साफ-सफाई और सुरक्षा बनाए रखना सभी विभागों की अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
अदालत ने दिए ये मुख्य आदेश
- सीवर और ड्रेनेज लाइनों की तुरंत डी-सिल्टिंग और सफाई।
- अदालत परिसर की अंदरूनी टूटी सड़कों की जल्द मरम्मत, कोशिश हो कि काम छुट्टियों में हो।
- पूरे परिसर में रोजाना सफाई और कूड़ा उठान।
- सुप्रीम कोर्ट दिशा-निर्देशों के अनुसार आवारा कुत्तों, बंदरों और अन्य जानवरों को हटाकर दुबारा न आने के उपाय।
- सभी विभाग एक सप्ताह में विस्तृत एक्शन रिपोर्ट दाखिल करें और इसके बाद हर सोमवार साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट दें।
- डिप्टी कमिश्नर जरूरत पड़ने पर संयुक्त निगरानी समिति बनाएं, जो हर पखवाड़े निरीक्षण और समीक्षा बैठक करे।
- अदालत ने वकीलों के प्रतिनिधियों को भी सफाई प्रक्रिया में सहयोग देने के निर्देश दिए हैं।
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अदालत में आने वाले वकील और आम लोग गंदगी, टूटी सड़कों और सीवर की बदहाली का शिकार हो रहे थे। विभागों के आपसी विवाद का नुकसान जनता को नहीं झेलना चाहिए। न्यायालय परिसर की साफ-सफाई और सुरक्षा सबसे पहली जिम्मेदारी होनी चाहिए और इसीलिए ये याचिका दायर की गई थी। न्यायालय के आदेश से संतुष्ट हैं और आशा हैं कि प्रशासन इस पर त्वरित कार्रवाई करेगा।
-मनीष शांडिल्य, वकील, बार एसोसिएशन गुरुग्राम

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