गुरुग्राम वासियों के लिए गुड न्यूज, 32 करोड़ से बस डिपो में बनेगा टर्मिनल; सीधे मेट्रो से होगी कनेक्टिविटी
गुरुग्राम में 32 करोड़ रुपये की लागत से बस डिपो में नया टर्मिनल बनेगा। इस टर्मिनल से यात्रियों को सीधे मेट्रो कनेक्टिविटी मिलेगी। आधुनिक सुविधाओं से लैस इस टर्मिनल में आरामदायक वेटिंग एरिया और टिकट काउंटर होंगे। यह परियोजना गुरुग्राम की परिवहन व्यवस्था को सुधारेगी और यात्रियों के लिए सार्वजनिक परिवहन को सुगम बनाएगी।
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सेक्टर 48 में इस तरह इलेक्ट्रिक बस डिपो परिसर तैयार किया गया है। जागरण
संदीप रतन, गुरुग्राम। सेक्टर दस सिटी बस डिपो में प्रस्तावित टर्मिनल की कनेक्टिविटी सीधे मेट्रो से होगी। मेट्रो स उतरते ही यात्रियों को उनके सेक्टर या कालोनी तक पहुंचाने के लिए सिटी बस तैयार मिलेगी। इसके अलावा बस से जाने वाले यात्रियों को मेट्रो तक पहुंचने में आसानी होगी।
इसके लिए सेक्टर दस बस सिटी बस डिपो परिसर में एक टर्मिनल बनाने की तैयारी गुरुग्राम मेट्रोपालिटन डेवलपमेंट अथारिटी (जीएमडीए) ने शुरू कर दी है। टर्मिनल निर्माण पर 32.42 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे पहले यहां इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन की सुविधा मिल चुकी है। जल्द ही जीएमसीबीएल को सौ इलेक्ट्रिक बसें मिलने की उम्मीद है।
बता दें कि फिलहाल सेक्टर दस और सेक्टर 54 बस डिपाे से शहर में 150 सीएनजी आधारित लो फ्लोर बसों का संचालन किया जा रहा है। बेड़े में इलेक्ट्रिक बसें शामिल होने के बाद सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूती मिलेगी। तीन नए बस डिपो भी जीएमडीए बना रहा है, जिससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
दिसंबर तक बनेगा इलेक्ट्रिक डिपो, चार्जिंग एरिया तैयार
सेक्टर 48 में जीएमडीए एक इलेक्ट्रिक बस डिपो बना रहा है। यह बस डिपो दिसंबर तक तैयार होने की उम्मीद है। यहां पर प्रशासनिक भवन, वर्कशाप आदि का निर्माण कार्य हो चुका है और अब पेंट आदि कार्य किए जाएंगे। इलेक्ट्रिक डिपो के निर्माण पर 19.20 करोड़ रुपये खर्च होंगे। खास बात यह है कि इस डिपो में चार्जिंग एरिया बनाया जा चुका है। एक बार में यहां पर 25 बसें चार्ज हाे सकेंगी।
सेक्टर 103 बस डिपो की डीपीआर हो रही तैयार
सेक्टर 103 में सात एकड़ में प्रस्तावित सिटी बस डिपो की डीपीआर यानी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है। अधिकारियों क अनुसार यह जमीन जीएमडीए को मिल चुकी है और डीपीआर बनने के बाद डिपो निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सेक्टर 65 में भी बस डिपो बनेगा
सेक्टर 65 में भी बस डिपो बनाया जाएगा ताकि शहर के हर कोने में यात्रियों को सिटी बसों की सुविधा मिले। इसके लिए 6.5 एकड़ जमीन चिह्नित की जा चुकी है। इस डिपो के बनने से बादशाहपुर, गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन, घाटा, फरीदाबाद रोड, कादरपुर सहित आसपास के क्षेत्र के निवासियों को फायदा मिलेगा।
ऑटो रिक्शा और कैब के भरोसे व्यवस्था
परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए घोषणा और दावे तो बहुत हुए लेकिन एक दशक बीतने के बाद भी हालात बदले नहीं है। दूर-दराज के गांवों को बसों का इंतजार है, वहीं 40 लाख आबादी वाली साइबर सिटी की परिवहन व्यवस्था भी आटो रिक्शा और कैब के भरोसे है। गुरुग्राम आइटी-इंडस्ट्री का हब होने के कारण हजारों नौकरीपेशा लाेगों का शहर में आवागमन है।
गुरुग्राम से मानेसर या शहर से उद्योग विहार, साइबर हब, बस स्टैंड क्षेत्र में बसें तो चलाई गई हैं लेकिन यात्री ज्यादा होने के कारण इनके फेरे बढ़ाने की जरूरत है। समय पर बस नहीं मिलने के कारण यात्रियों को मजबूरन कैब, आटो रिक्शा या फिर अपनी कार से सफर करना पड़ रहा है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- 40 लाख शहर की आबादी है।
- 150 सिटी बसें शहर में चल रही हैं।
- 21 रूट सिटी बसों के लिए बनाए गए हैं।
- 50 हजार से ज्यादा कैब-टैक्सी का दबाव शहर की सड़कों पर रहता है।
- 32 हजार आटो रिक्शा शहर में चलते हैं।
- 2.5 लाख लगभग (प्रतिदिन) यात्री सफर करते हैं।
1025 बसों की होगी जरूरत
जीएमडीए की मोबिलिटी डिवीजन के एक सर्वे के अनुसार बढ़ती जनसंख्या को पर्याप्त बस सेवा प्रदान करने के लिए वर्ष 2031 तक गुरुग्राम में 1025 बसों की आवश्यकता होगी। भविष्य में बस सेवाओं की निर्बाध सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए, बस डिपो और टर्मिनल जैसे पर्याप्त बुनियादी ढांचे की स्थापना भी की जानी है।
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