गुरुग्राम में बालकनी से गिरकर बच्चे की मौत के बाद जागे सोसायटी के लोग, ठोस कदम उठाने की मांग
गुरुग्राम में बालकनी से गिरकर एक बच्चे की दुखद मौत के बाद, सोसायटी के लोग हरकत में आ गए हैं। वे बालकनी सुरक्षा उपायों को लागू करने, जागरूकता अभियान चलाने और घटना के लिए जिम्मेदारी तय करने की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
-1763460327047.webp)
सेक्टर 62 स्थित इसी पायनियर प्रेसीडिया सोसाइटी में शनिवार शाम हुआ था हादसा। जागरण
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। सेक्टर 62 स्थित पायनियर प्रेसीडिया सोसायटी में 22वीं मंजिल की बालकनी से गिरकर पांच वर्षीय बच्चे की मौत के बाद अब गुरुग्राम की विभिन्न सोसायटी की आरडब्ल्यूए व अन्य संगठन भी गंभीर हैं। संगठन बालकनी से होने वाले हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं।
फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन की उपाध्यक्ष रितू भरिहोक का कहना है कि इस तरह का हादसा बेहद दुखद है। सभी को इस तरह की घटना रोकने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिल्डर और आरडब्ल्यूए के साथ इस तरह के हादसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाने के लिए विचार किया जाएगा।
हाइराइज सोसायटियों में बालकनी के पास जाली या किसी अन्य तरीके के सुरक्षा इंतजाम किए जाने पर बात की जा सकती है। वहीं आरडब्ल्यूए व अन्य संगठनों के लोगों का भी मानना है कि बालकनी की रेलिंग की ऊंचाई पर भी विचार किया जाना चाहिए। जहां हाइराइज सोसायटी हैं, वहां पर बालकनी में रेलिंग की ऊंचाई ज्यादा होनी चाहिए।
यह भी कहना है कि जिनके घरों में छोटे बच्चे हैं, वहां अभिभावकों को सुरक्षा का ख्यास खयाल रखने की जरूरत है। उन्हें बालकनी में ऐसी चीजें बिलकुल भी नहीं रखनी चाहिए, जिससे बच्चे ऊपर चढ़ जाएं और उनके साथ कोई हादसा हो। इसके लिए भी एडवाइजरी जारी की जा सकती है। रितू भरिहोक ने कहा कि जल्द ही बैठक कर अन्य संगठनों के साथ इस दिशा में विचार-विमर्श किया जाएगा।
दरवाजे में लगा था डिजिटल लॉक, तोड़कर अंदर गई थी पुलिस
पायनियर प्रेसीडिया सोसाइटी में शनिवार शाम 22वीं मंजिल की बालकनी से बच्चे के गिरने की सूचना पर सेक्टर 65 थाना पुलिस मौके पर पहुंची थी। इस दौरान घर का दरवाजा बंद था। पुलिस के मुताबिक इस दरवाजे पर डिजिटल लाक लगा हुआ था। घर में रहने वाली घरेलू सहायिका सुलेखा सोसायटी के पार्क से बच्चे रुद्र तेज सिंह को लिफ्ट से लेकर ऊपर आ रही थी।
सुलेखा कई बार दरवाजे को बंद नहीं करती थी। शनिवार को भी दरवाजा हल्का खुला हुआ था। जैसे ही दोनों लिफ्ट से बाहर निकले तो बच्चा दौड़कर घर के अंदर चला गया। जाते समय उसके धक्के से दरवाजा अंदर से बंद हो गया।
उसके बाद बच्चे ने ऐसा क्या किया कि दरवाजा अंदर से डिजिटली लाक हो गया, इसके बारे में कोई जानकारी फिलहाल पुलिस को नहीं मिल पाई। लेकिन पुलिस को पूछताछ में यह जरूर पता चला कि अगर कोई व्यक्ति दरवाजे को अंदर से बंद करता तो इसे बाहर से नहीं खोला जा सकता था। पुलिस भी घटना के बाद दरवाजे के लाक को तोड़कर अंदर पहुंची थी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।