गुरुग्राम में एक्यूआई लुढका, पर हवा से कम नहीं हुआ जहर; मौसम विभाग ने दिया बारिश का अपडेट
गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरने के बाद भी प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना हुआ है। जहरीली हवा के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। मौसम विभाग ने बारिश की संभावना जताई है, जिससे प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद है। डॉक्टरों ने लोगों को मास्क पहनने और घर से कम निकलने की सलाह दी है।

बुधवार की दोपहर तीन बजे कुछ इस तरह वायु प्रदूषण की चपेट मे नजर आया द्वारका एक्सप्रेस वे और गगनचुंबी इमारतें। संजय गुलाटी
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। क्षेत्र में मौसम में आए बदलाव और हवा चलने के कारण एयर क्वॉलिटी इंडेक्स भले ही लुढक गया हो, लेकिन हवा से जहर कम नहीं हुआ है। बुधवार को गुरुग्राम का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 150 दर्ज किया गया, जो मध्यम श्रेणी में आता है। हालांकि तीन दिन पहले यह 300 से पार चला गया था और हवा खतरनाक स्थिति में पहुंच गई थी।
मंगलवार रात से चली हल्की हवाओं और बुधवार सुबह आंशिक बादल छाए रहने के कारण एक्यूआई में कुछ गिरावट दर्ज की गई। फिर भी विशेषज्ञों का कहना है कि हवा में जहरीले तत्वों की मौजूदगी बनी हुई है। शहर के विभिन्न हिस्सों में धूल, धुएं और औद्योगिक गतिविधियों से उठ रहे कण वातावरण में तैर रहे हैं, जो सांस और हृदय रोगियों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं।
शहर के प्रमुख प्रदूषण स्रोतों में वाहनों से निकलने वाला धुआं, सड़कों की धूल और निर्माण स्थलों से उड़ने वाले सूक्ष्म कण शामिल हैं। खासतौर पर सुबह और शाम के व्यस्त समय में सड़कों पर जाम लगने से वाहनों का उत्सर्जन बढ़ जाता है, जिससे प्रदूषण का स्तर और ऊपर जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि वाहनों के धुएं में मौजूद नाइट्रोजन आक्साइड और कार्बन मोनोआक्साइड जैसी गैसें शरीर में जाकर श्वसन तंत्र को प्रभावित करती हैं।
31 तक बूंदाबांदी होने का अनुमान
हवा की दिशा में हल्का बदलाव और स्पीड बढ़ने से कुछ राहत जरूर मिली है, लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि हवा की यह गति अस्थायी है। यदि हवा थम गई तो दोबारा एक्यूआई बढ़ सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, 31 अक्टूबर तक बूंदाबांदी की संभावना बनी हुई है।
यदि वर्षा होती है तो वातावरण में फैले प्रदूषक नीचे बैठ जाएंगे और एक्यूआइ में सुधार हो सकता है। फिलहाल लोगों को सुबह-शाम अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचने, मास्क पहनने और वाहनों का उपयोग कम करने की सलाह दी गई है।

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