गुरुग्राम के जिला अस्पताल में छह दिनों में 29 एंजियोप्लास्टी, 22 हृदय रोगियों को पड़ा अटैक
गुरुग्राम में ठंड बढ़ने से हृदय रोगियों की संख्या में वृद्धि हुई है। सरकारी और निजी अस्पतालों में हार्ट अटैक और सीने में दर्द के मामले बढ़ रहे हैं। डॉ ...और पढ़ें
-1765719014287.webp)
तापमान में लगातार गिरावट के साथ ही हृदय रोगियों की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं।
वरुण त्रिवेदी, गुरुग्राम। जिले में तापमान में लगातार गिरावट के साथ ही हृदय रोगियों की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। सरकारी और निजी अस्पतालों में हार्ट अटैक, ब्लड प्रेशर और सीने में दर्द की शिकायत लेकर पहुंचने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। हृदय रोग विशेषज्ञ के अनुसार सर्दी में शरीर की रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं।
इससे हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। खासकर बुजुर्ग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और पहले से हृदय रोग से पीड़ित मरीज सबसे अधिक जोखिम में रहते हैं। वहीं प्रदूषण का बढ़ा स्तर भी मरीजों की परेशानी और बढ़ा रहा है।
सेक्टर-10 स्थित जिला नागरिक अस्पताल के हृदय आरोग्य केंद्र में रविवार को छुट्टी के दिन हृदय संबंधी समस्या लेकर सात नए मरीज पहुंचे। यहां पिछले सात दिन में कुल 362 मरीज पहुंचे। इनमें 29 हृदय रोगियों की एंजियोप्लास्टी करनी पड़ी। इसमें 22 हृदय रोगी अटैक पड़ने गंभीर अवस्था में लाए गए जबकि सात मरीज नलिकाएं सिकुड़ने से गंभीर ब्लाकेज की समस्या लेकर पहुंचे।
इस दौरान रोजाना औसतन 50-60 मरीज सीने में दर्द संबंधी समस्या लेकर आए। पहले यह संख्या औसतन करीब 30 से 40 थी। यहां प्रतिदिन औसतन करीब चार से पांच मामले हार्ट अटैक के आ रहे हैं जो पहले माह भर में करीब 15 से 20 होते थे। अगर निजी अस्पतालों की ओपीडी जोड़ी जाए तो यह संख्या कई गुना बढ़ जाएगी।
सर्दियों में सामान्य दिनों की तुलना में अधिक सतर्क रहें
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. संजय चुघ ने बताया कि सर्दियों में हृदय रोगियों को सामान्य दिनों की तुलना में कहीं अधिक सतर्क रहने की जरूरत होती है। ठंड के कारण शरीर का तापमान गिरता है, जिससे ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ सकता है और हार्ट अटैक व स्ट्रोक का जोखिम कई गुना हो जाता है। सर्दी के मौसम में लोग तले-भुने और अधिक नमक वाले खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ा देते हैं, जो हृदय के लिए नुकसानदायक है। धूम्रपान और शराब से दूरी बनाए रखना बेहद जरूरी है।
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
विशेषज्ञों ने बताया कि सीने में दर्द, सांस फूलना, अत्यधिक थकान, चक्कर आना, ठंडा पसीना आना, बाएं हाथ या जबड़े में दर्द जैसे लक्षण दिखें तो इसे सामान्य ठंड समझकर अनदेखा न करें। ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव होने पर केवल डाक्टर की सलाह से ही दवाओं में बदलाव करें।
| दिन | कुल ओपीडी | पुरुष | महिलाएं |
|---|---|---|---|
| सोमवार | 47 | 33 | 14 |
| मंगलवार | 66 | 47 | 19 |
| बुधवार | 74 | 43 | 31 |
| गुरुवार | 54 | 32 | 22 |
| शुक्रवार | 63 | 42 | 21 |
| शनिवार | 51 | 33 | 18 |
| कुल | 355 | 230 | 125 |
नोट: यह आंकड़े आठ से 13 दिसंबर तक के हैं। इस दौरान चार दिनों तक डाक्टरों की हड़ताल से ओपीडी कम रही। कई मरीजों को निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ा था।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।