Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सोहना किला के रखरखाव को ठीक करने की मांग

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 02 Sep 2017 05:08 PM (IST)

    संवाद सहयोगी, सोहना : सोहना के प्रचीन सोहनगढ़ किला का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है

    सोहना किला के रखरखाव को ठीक करने की मांग

    संवाद सहयोगी, सोहना :

    सोहना के प्रचीन सोहनगढ़ किला का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है। उक्त किला इन दिनों मनचलों व आवारा युवकों का अड्डा बनता जा रह है। सरकार व पुरातत्व विभाग द्वारा इस प्रचीन किले को संवारने की आज तक पहल ना होने से इसकी साख बिगड़ रही है। जिससे इसका नामोनिशान ही खत्म होता जा रहा है। देखभाल के अभाव में ये किला अब महज खंडहर में तब्दील हो चुका है। किले की इस दास्तान पर शहर के लोगों ने पहल की है और इस एतिहासिक प्रचीन किले को फिर से ठीक कराने की मांग प्रशासन से की है। देश की राजधानी से 55 और साइबर सिटी गुरुग्राम से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर सोहना-अलवर रोड की अरावली पहाड़ियों की गोद में बसा सोहना कस्बा अपने आप में एक इतिहास समेटे हुए है। प्राचीन धरोहर की वजह से ये देश- विदेश ही नहीं अपितु विश्व में भी विख्यात है। अरावली पहाड़ी के बीच बसा होने से कस्बे की निराली छटा बनी है जो आने वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। प्राकृतिक गंधकयुक्त गर्म जल के महत्व लोग नहीं भूलते। इस गर्म जल की अनेक मान्यताएं भी हैं। किले की नक्काशी को देख लोग आज भी दाद देते हैं। जो अब महज खंडहर में तब्दील होकर रह गया है ।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    किले का प्राचीन इतिहास

    सोहना-तावड़ू के रास्ते अरावली पहाड़ी पर बना किला अपने आप में एक इतिहास समेटे हुए है बताते है कि किला करीब आठ सौ बरस पुराना है। किले को राजा सावन ¨सह ने बनवाया था। राजा सावन ¨सह ने फुलवा का अपहरण करने के बाद अपनी रानी बनाया था। पूर्व में सोहना को सोहनगढ़ के नाम से जाना जाता था।

    शहर के लोगों ने उठाई मांग

    शहरवासी चाहते है कि उनके कस्बा का इतिहास मिटे नहीं। वे नहीं चाहते कि उनका अस्तित्व ही मिटा दिया जाए इसलिए वे मांग करते है कि इस किले रूपी राजा की धरोहर को संवारा जाए। शहर के लोग बताते है कि सोहना की पहाड़ी पर बना खंडहर में तब्दील होता किला इतिहास समेटे हुए है इस किले से ही सोहना की पहचान है लेकिन पता नही क्यों न तो सरकार ही जाग रही न ही पुरातत्व विभाग जो इस किले की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार बने है। इस किले का अस्तित्व बचाने के लिए सरकार की तरफ से प्रयास किए जाने चाहिए। लोगों ने सोहना के विधायक व जिला उपायुक्त से मिलने के लिए समय भी मांगा है ।