कपड़ों का कारोबार ठप हुआ तो करना लगा ये 'खेल', शातिर का धोखाधड़ी उजागर
दिल्ली में कपड़ों का कारोबार ठप होने पर एक व्यक्ति ने फर्जी कॉल सेंटर खोल लिया। वह बैंक कर्मचारी बनकर लोगों को क्रेडिट कार्ड बिल वापस दिलाने का झांसा देकर ठगी करता था। गुरुग्राम साइबर पुलिस ने दिल्ली में छापा मारकर कॉल सेंटर संचालक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया। आरोपी लोगों को कॉल करके क्रेडिट कार्ड की जानकारी हासिल करते थे और फिर उनके खाते से पैसे निकाल लेते थे। पुलिस ने आरोपियों से मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किए हैं।

व्यक्ति ने जालसाजों के साथ मिलकर फर्जी कॉल सेंटर बना लिया। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। दिल्ली निवासी एक व्यक्ति का कपड़ों का कारोबार चौपट हो गया और उसे घाटा हुआ। उसने जालसाजों के साथ मिलकर फर्जी कॉल सेंटर बना लिया। आरोपी बैंक कर्मचारी बनकर लोगों को फोन करते और क्रेडिट कार्ड के बिल वापस दिलाने का झांसा देकर ठगी करते थे। इसी तरह की एक शिकायत की जांच करते हुए गुरुग्राम साइबर पुलिस ने सोमवार रात दिल्ली के अक्षरधाम के पास एक फर्जी कॉल सेंटर पर छापा मारा और कॉल सेंटर संचालक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया।
एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान ने बताया कि 16 जुलाई को एक व्यक्ति ने साइबर थाना पश्चिम में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि किसी ने बैंक कर्मचारी बनकर उसके मासिक क्रेडिट कार्ड बिल वापस दिलाने का दावा करते हुए एक फर्जी लिंक भेजा। फोन की एक्सेस और क्रेडिट कार्ड की जानकारी हासिल करने के बाद, पैसे ट्रांसफर कर लिए गए। एसीपी ने बताया कि जांच के दौरान साइबर थाना पश्चिम ने दिल्ली के अक्षरधाम में छापा मारा। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अमर उर्फ बंटा, ज्ञानेंद्र, सभी निवासी उत्तम नगर, दिल्ली; अमन निवासी राजा पार्क मोहन गार्डन; अमिता और यासना, दोनों उत्तम नगर की रहने वाली हैं।
पुलिस पूछताछ और जाँच में पता चला कि आरोपी अमर उर्फ बंटा शर्मा इस कॉल सेंटर का संचालन कर रहा था। उसने बताया कि उसका कपड़ों का व्यवसाय था जिसमें उसे काफी नुकसान हुआ था। इसी दौरान उसकी मुलाकात एक ऐसे व्यक्ति से हुई जो क्रेडिट कार्ड रिचार्ज और अन्य धोखाधड़ी गतिविधियों में लिप्त था।
उसने उसके साथ कॉल पर काम करना शुरू किया और जून 2025 में उसने खुद व्यवसाय चलाने की साजिश रची। उसने ज्ञानेंद्र को भी धोखाधड़ी में भागीदार बनाया। उन्होंने कॉल करने के लिए आरोपी यासना और अमिता को काम पर रखा और एक फर्जी कॉल सेंटर खोला। यासना और अमिता लोगों को कॉल करतीं, उनसे उनके क्रेडिट कार्ड रिचार्ज और रिडीम करने के लिए कहतीं। वे उनका विश्वास हासिल करतीं और व्हाट्सएप के जरिए लिंक भेजतीं। वे उनके फोन और ओटीपी तक पहुँच प्राप्त कर उनके क्रेडिट कार्ड से पैसे ट्रांसफर करतीं।
बदले में, दोनों को 25,000-25,000 रुपये मिलते थे। अमर ने बताया कि उसका एक और दोस्त उसे डेटा और लिंक उपलब्ध कराता था। इस मामले में ठगी गई रकम में से उसके एक दोस्त ने पैसे निकालकर आरोपी अमर को डेढ़ लाख रुपये दिए थे। अमर ने इसमें से यसना और अमिता को बोनस के तौर पर 10-10 हज़ार रुपये दिए थे। पुलिस टीम ने आरोपियों के कब्जे से आठ मोबाइल फोन, चार सिम कार्ड और दो डायरियाँ बरामद की हैं। मंगलवार को अमर और ज्ञानेंद्र को अदालत में पेश कर दो दिन के रिमांड पर लिया गया है। इस दौरान उनसे और पूछताछ की जाएगी।
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