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    मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी का एक्शन, प्रोबो कंपनी की 117.41 करोड़ की संपत्ति की कुर्क 

    Updated: Mon, 15 Dec 2025 12:07 PM (IST)

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रोबो कंपनी की 117.41 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की हैं। यह कार्रवाई ...और पढ़ें

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    प्रवर्तन निदेशालय की सांकेतिक तस्वीर।

    गौरव सिंगला, नया गुरुग्राम। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के गुरुग्राम जोनल कार्यालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मेसर्स प्रोबो मीडिया टेक्नोलाजीज प्राइवेट लिमिटेड और कंपनी के निदेशकों के परिजनों की 117.41 करोड़ रुपये की चल व अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है। कुर्क की गई संपत्तियों में फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), शेयरों में निवेश, डिमांड ड्राफ्ट, बैंक बैलेंस जैसी चल संपत्तियां शामिल हैं। इसके अलावा निदेशकों के परिजनों के नाम पर मौजूद अपार्टमेंट/फ्लैट भी कुर्क किए गए हैं।

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    प्रोबो मीडिया टेक्नोलाजीज प्राइवेट लिमिटेड प्रोबो नाम से एक ऐप और वेबसाइट चलाती थी जो खुद को ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्म बताती थी लेकिन जांच में यह आनलाइन जुआ साबित हुआ। कंपनी कथित तौर पर आसान हां या ना सवालों के जरिए कमाई का झांसा देकर लोगों को ठग रही थी। ईडी ने यह जांच कई एफआईआर के आधार पर शुरू की थी जो बीएनएस 2023 और पब्लिक गैम्बलिंग एक्ट, 1867 के तहत गुरुग्राम, पलवल और आगरा में दर्ज की गई थीं।

    शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि कंपनी ने इसे कौशल आधारित खेल बताकर पेश किया, जबकि असल में यह जुए को बढ़ावा देने वाली योजना थी। जांच में सामने आया कि कंपनी ने खुद को गलत तरीके से स्किल-बेस्ड प्लेटफार्म बताकर उपयोगकर्ताओं को धोखा दिया और अवैध कमाई की।

    कंपनी और उसके निदेशक/प्रमोटरों की आपराधिक गतिविधियों से करीब 1245.64 करोड़ रुपये की अपराध से अर्जित आय (प्रोसीड्स आफ क्राइम) पैदा हुई। ऑनलाइन गेमिंग के प्रचार एवं विनियमन अधिनियम 2025 लागू होने के बाद प्रोबो ने अगस्त 2025 में अपना संचालन बंद कर दिया था।

    इससे पहले इसी मामले में 8 और 9 जुलाई को पीएमएलए 2002 के तहत कंपनी और उसके प्रमोटरों से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की गई थी। इन छापों के दौरान 284.5 करोड़ रुपये की एफडी और शेयरों में निवेश को धारा 17(1)(a) के तहत फ्रीज किया गया था। ईडी ने स्पष्ट किया है कि मामले में आगे की जांच जारी है और जरूरत पड़ने पर और भी कार्रवाई की जा सकती है।