Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गांव से अर्बन एक्ट की धारा 7-ए हटाने की मांग

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 15 Jan 2022 05:14 PM (IST)

    मानेसर तहसील के ग्रामीणों ने गांव से अर्बन एक्ट की धारा 7ए हटाने की मांग की है।

    Hero Image
    गांव से अर्बन एक्ट की धारा 7-ए हटाने की मांग

    जागरण संवाददाता, मानेसर :

    मानेसर तहसील के ग्रामीणों ने गांव से अर्बन एक्ट की धारा 7ए हटाने की मांग की है। इसके लिए ग्रामीणों की तरफ से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को पत्र लिखा है। केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में ग्रामीणों ने कहा कि इस धारा के कारण गांव में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के सभी गांवों से इस धारा को जल्दी से वापस लेने की जरूरत है। गांव मोकलवास की पंचायत की तरफ से केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में किसान रहते हैं। किसानों के पास कृषि के अलावा आय का कोई साधन नहीं होता। कई बार किसान के सामने ऐसे हालात बन जाते हैं कि कृषि से भी एक साल कोई आय नहीं हो पाती। ऐसे में किसान को अपना गुजारा करने के लिए भी कर्ज लेना पड़ता है। मानेसर, पटौदी और फरुखनगर तहसील के अधिकतर गांवों को हरियाणा सरकार की तरफ से अर्बन एक्ट की धारा 7ए में शामिल कर दिया है। इसके तहत कोई भी किसान अपनी जमीन को बिना मंजूरी के नहीं बेच सकता। कई किसान जमीन को ऐसी स्थिति में बेचते हैं जब उन्हें पैसे की सख्त जरूरत होती है। बीमारी का इलाज, शादी ब्याह के खर्च और बच्चों की पढ़ाई के लिए भी कई किसान अपनी जमीन का कुछ हिस्सा बेच देते हैं। इससे किसानों को ज्यादा दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता।किसी भी किसानों को अगर अपनी जमीन का एक टुकड़ा भी बेचना है तो उसको पहले नगर योजनाकार विभाग के एनफोर्समेंट कार्यालय में जाकर एनओसी लेनी पड़ती है। इसके लिए कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। जहां पर 7ए धारा लागू नहीं होती वहां पर किसानों को किसी प्रकार की एनओसी की जरूरत नहीं होती है। वहां किसान आसानी से अपनी जमीन की रजिस्ट्री करा सकते हैं। गांव मोकलवास के निवर्तमान सरपंच मनोज यादव ने बताया कि धारा 7ए को किसानों के ऊपर थोपा गया है। जिससे किसानों को परेशानी हो रही है। न तो कोई किसान अपनी जमीन बेच सकता है और न ही कोई खरीद सकता है। यह एक प्रकार की पाबंदी है जिससे क्षेत्र में किसानों को रोजाना परेशान होना पड़ता है। कुछ किसानों के पास तो एक एकड़ जमीन भी नहीं है। अगर उसे अपनी जमीन बेचनी है तो मंजूरी लेनी पड़ेगी। गांव खरखड़ी के निवर्तमान सरपंच सतीश यादव ने बताया कि किसानों को परेशान करने के लिए यह धारा लगाई गई है। बड़े लोग तो एकड़ के हिसाब से जमीन खरीदते हैं। उन्हें रजिस्ट्री में कोई परेशानी नहीं होती लेकिन छोटी रजिस्ट्री में एनओसी लेना अनिवार्य कर दिया। इससे किसानों को परेशानी हो रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें