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चर्च प्रबंधन पर प्राचीन बावड़ी को गायब करने का आरोप

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: बादशाहपुर के पास धुमसपुर गांव में जिला परिषद के अधीन आने वाली प

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jan 2018 07:20 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jan 2018 07:20 PM (IST)
चर्च प्रबंधन पर प्राचीन बावड़ी को गायब करने का आरोप
चर्च प्रबंधन पर प्राचीन बावड़ी को गायब करने का आरोप

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: बादशाहपुर के पास धुमसपुर गांव में जिला परिषद के अधीन आने वाली प्राचीन बावड़ी को चर्च प्रबंधन पर खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगा है। चर्च ने जिला परिषद की बावड़ी के इस स्थल को 11 साल के लिए लीज पर लिया था। आरोप है कि इस दौरान अधिकारियों से मिलीभगत करके बावड़ी की जमीन को ट्रांसफर करा लिया। अब नयागांव व धुमसपुर और आसपास के लोग प्राचीन धरोहर को नष्ट करने के खिलाफ लामबंद होने लगे हैं। जिला परिषद भी चर्च प्रबंधन के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए कानूनी सलाह ले रही है।

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जेल रोड पर धुमसपुर गांव के पास करीब 200 साल पुरानी बावड़ी बनी हुई थी। पांच मंजिला इस इमारत को जयपुर व मकराना से पत्थर लाकर बेहतरीन तरीके से बनाया गया था। पुराने जमाने में पैदल राहगीर इस बावड़ी में आराम करते थे। लोगों को पानी के लिए इसमें खास इंतजाम किए गए थे। यह बावड़ी जिला परिषद के आधीन आती है। इस बावड़ी के चारों तरह एक चर्च प्रबंधन ने करीब 40 एकड़ जमीन खरीद ली। यह बावड़ी इस जमीन के बीच में आई तो चर्च ने जिला परिषद से इस बावड़ी की दो कनाल जमीन को 2005 में लीज पर ले लिया।

लीज खत्म होने पर चर्च ने इस बावड़ी को व इसकी दो कनाल जमीन को अपनी जमीन के बीच में से एक किनारे ट्रांसफर करने को मंडलायुक्त की कोर्ट में अर्जी लगाई। मंडलायुक्त ने इस जमीन को ट्रांसफर कर दिया। अशोक भड़ाना नाम के शख्स ने मंडलायुक्त के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने इस मामले में मंडलायुक्त से जवाब तलब किया और कहा कि इस तरह की प्राचीन धरोहर को ट्रांसफर नही किया जा सकता। हाईकोर्ट में पेश से होने पहले 31 अक्टूबर को मंडलायुक्त ने अपने आदेशों को रद कर दिया। हाईकोर्ट में रद आदेश की प्रति पेश कर दी गई।

इस दौरान चर्च प्रबंधन ने इस प्राचीन इमारत को खुर्द-बुर्द कर दिया। अब उस जमीन पर बावड़ी कहीं दिखाई ही नहीं दे रही है। इस स्थान पर बडे़ पुराने पेड़ भी खडे़ थे। उन पेड़ों को भी उखाड़ दिया गया है। जिला परिषद को जमीन तो उसी स्थान पर मिल गई। पर प्राचीन इमारत कहां गई। इस पर सवाल खडे़ हो गए हैं।

चर्च प्रबंधन ने बावड़ी तो खुर्द-बुर्द कर दी। इसमें कोई शक नहीं है। सबसे पहले तो जिला परिषद को अपनी जमीन कब्जे में लेनी चाहिए थी। बावड़ी को खुर्द-बुर्द करने पर चर्च के खिलाफ क्या कार्यवाही हो सकती है। इसके लिए कानूनी सलाह ली जा रही है। कानून के दायरे में चर्च के खिलाफ जो भी कार्यवाही बनेगी की जाएगी। प्राचीन धरोहर को किसी को इस तरह से नष्ट करने का कोई अधिकार नहीं है।

कल्याण ¨सह चौहान, चेयरमैन, जिला परिषद, गुरुग्राम


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