Gurugram News: कैंसर मरीजों की घटेगी परेशानी, सिविल अस्पताल में बेड की समस्या से मिलेगी राहत
गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल में कैंसर मरीजों की परेशानी कम करने के लिए सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं। अस्पताल में 30 बेड का नया सर्जिकल वार्ड तैयार हो रहा है, जिसमें से 6 बेड कैंसर मरीजों के लिए आरक्षित होंगे। यह कदम बेड की कमी को दूर करने में मदद करेगा, जिससे गंभीर मरीजों को भर्ती होने में आसानी होगी। फरवरी 2024 से अस्पताल में कैंसर की जांच के लिए हिस्टोपैथोलॉजी लैब भी शुरू की गई है।
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नागरिक अस्पताल में निर्माणाधीन 30 बेड का नया वार्ड। फोटो- जागरण
वरुण त्रिवेदी, गुरुग्राम। सेक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल में इलाज की उम्मीद में आने वाले कैंसर मरीजों की परेशानी घटेगी। अस्पताल में कैंसर मरीजों के लिए सुविधाएं बढ़ाने की कवायद चल रही है। फिलहाल, अस्पताल के दूसरे तल में 30 बेड का नया सर्जिकल वार्ड तैयार हो रहा है। इसमें 6 बेड कैंसर मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं।
अस्पताल में कई बार इलाज की उम्मीद में पहुंचने वाले गंभीर कैंसर मरीजों को भर्ती करने की जरूरत पड़ती है, ऐसे में उन्हें बेड की कमी के चलते परेशानी होती है। सेक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल बेड की कमी से जूझ रहा है। यहां रोजाना 2300 से 2500 मरीज ओपीडी में पहुंचे हैं, जिसमें से कई गंभीर मरीजों को भर्ती करके इलाज की जरूरत पड़ती है।
इसके अलावा इमरजेंसी वार्ड में एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती करने की मजबूरी रहती है। ऐसे में मरीजों को बेड की कमी से भटकना पड़ता है। इसी को देखते हुए 30 बेड का नया वार्ड तैयार हो रहा है। इसमें से छह बेड की सुविधा कैंसर के मरीजों के लिए आरक्षित रहेंगे जबकि 24 बेड सर्जरी वाले मरीजों को दिए जाएंगे।
रिनोवेशन कार्य के साथ एसी समेत अन्य काम तेजी से कराए जा रहे हैं। नए वार्ड का करीब 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। विभाग से मिले 37 लाख रुपये के बजट नए वार्ड का काम समेत अन्य काम तेजी से कराए रहे हैं।
अस्पताल में सिर्फ कैंसर जांच की सुविधा नागरिक अस्पताल में फरवरी 2024 में हिस्टोपैथोलॉजी लैब की शुुरुआत की गई है। इस लैब में कैंसर की जांच सरकारी स्तर पर होती है। यहां कैंसर के संदिग्ध मरीजों की बायोप्सी भी की जाती है। लैब में माइक्रोस्कोप के जरिए ऊतकों और कोशिकाओं की जांच होती है। इसमें त्वचा, यकृत, गुर्दे सहित शरीर के अन्य अंगों से ऊतक यानी मांस का एक छोटा टुकड़ा जांचा जा जाती। साथ ही यह भी पता लगेगा कि कैंसर किस चरण (स्टेज) पर पहुंच चुका है।
2016 में बंद हो गया था कैंसर वार्ड
नागरिक अस्पताल में संचालित हो रहे कैंसर वार्ड वर्ष 2016 से बंद है। यहां कैंसर विशेषज्ञ डा. एसपी भनौट ने मार्च 2016 तक सेवा दे रहे थे। उनके इस्तीफा देने के बाद से यहां कोई भी विशेषज्ञ डाक्टर की तैनाती नहीं हुई है। चिकित्सा अधिकारी की मानें तो फिलहाल अस्पताल के एक चिकित्सक को पीजीआई से कैंसर रोग संबंधी प्रशिक्षण दिलवाया गया है। वे ओपीडी में कैंसर संबंधी मरीजों को देखते हैं।
कैंसर मरीजों का रेफर सेंटर बना अस्पताल
हर माह 10 से 15 मरीजों में कैंसर की पुष्टि सेक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल कई वर्षों से कैंसर रोगियों के सिर्फ रेफर सेंटर तौर पर काम कर रहा है। यहां अलग कैंसर वार्ड और विशेषज्ञ डाक्टर और सुविधाएं नहीं है। ऐसे में अस्पताल में कैंसर का इलाज कराने आने वाले मरीजों को रेफर कर दिया जाता है जबकि अस्पताल में प्रति माह 10 से 15 मरीजों में कैंसर की पुष्टि होती है। इन मरीजों में ब्रेस्ट कैंसर, मुंह के कैंसर के मरीजों की संख्या ज्यादा होती है। जिन मरीजों में कैंसर की पुष्टि होती है, उन्हें पीजीआई रोहतक या दिल्ली रेफर कर दिया जाता है।
अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड और ओपीडी में कैंसर रोगी इलाज के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में कई गंभीर मरीजों की हालत खराब होने पर भर्ती करने की जरूरत पड़ती है। नए 30 बेड के वार्ड में 6 बेड कैंसर मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं। कैंसर दवाएं व जांचें सरकारी स्तर पर उपलब्ध हैं। सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है।
- डॉ. लोकवीर सिंह, पीएमओ, नागरिक अस्पताल सेक्टर-10
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