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    अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर 170 दिन से लगातार जारी है धरना

    सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर जारी धरना पिछले 170 दिनों से लगातार जारी है। धरने पर बैठे यादव समाज के लोगों का कहना है कि जब तक सेना में अहीर रेजिमेंट का गठन नहीं कर दिया जाता है तब तक यह धरना लगातार जारी रहेगा। जब तक सेना में रेजिमेंट नहीं बनाई जाएगी तब तक इस धरने का लगातार विस्तार किया जाएगा। 23 सितंबर को बड़ी रैली का आयोजन किया जाएगा और इसके बाद आंदोलन का रूप धारण किया जाएगा।

    By JagranEdited By: Updated: Sat, 16 Jul 2022 12:58 PM (IST)
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    अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर 170 दिन से लगातार जारी है धरना

    फोटो 16 जीयूआर 16

    जागरण संवाददाता, मानेसर :

    सेना में अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर जारी धरना पिछले 170 दिनों से लगातार जारी है। धरने पर बैठे यादव समाज के लोगों का कहना है कि जब तक सेना में अहीर रेजिमेंट का गठन नहीं कर दिया जाता है तब तक यह धरना लगातार जारी रहेगा। जब तक सेना में रेजिमेंट नहीं बनाई जाएगी तब तक इस धरने का लगातार विस्तार किया जाएगा। 23 सितंबर को बड़ी रैली का आयोजन किया जाएगा और इसके बाद आंदोलन का रूप धारण किया जाएगा। मंच से संबोधित करने वाले वक्ता लगातार यही बात कह रहे हैं कि सेना में अहीर रेजिमेंट हमारी मांग नहीं बल्कि यह हमारा हक है। हम सरकार से अपना हक मांग रहे हैं। इसी हक के लिए संयुक्त अहीर रेजिमेंट मोर्चा की तरफ से पिछले 170 दिनों से खेड़की दौला में धरना जारी है। इस दौरान मंच से लोगों ने कहा कि यादव समाज की तरफ से देश की आजादी की बात हो या किसी अन्य लड़ाई की सबसे अधिक बलिदान दिया गया है। समाज की तरफ से सरकार से कोई बड़ी मांग नहीं मांगी जा रही है बल्कि अपने समाज के जवानों के बलिदान के बदले उनके नाम से रेजिमेंट की मांग की जा रही है। यादव समाज ने स्वतंत्रता संग्राम में नसीबपुर लड़ाई में पांच हजार जवानों का बलिदान दिया था। सभी 36 बिरादरी के समर्थन धरने को मिल रहा है। रोजाना कई नेता समर्थन देने के लिए पहुंच रहे हैं। सरकार के मंत्री भी समर्थन देने के लिए आ चुके हैं। इसके बाद भी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रेजिमेंट की मांग को लेकर कई बार मांग की जा चुकी है लेकिन इस बार समाज लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार है। इस बार रेजिमेंट के गठन के बाद ही आंदोलन को खत्म किया जाएगा। इस दौरान अरुण यादव खेड़की दौला, श्योचंद शिकोहपुर, कैलाश यादव मानेसर, धर्म सिंह नंबरदार, सूबेदार वेदप्रकाश, वीर सिंह नवादा, धर्मपाल यादव नाहरपुर, मोनू यादव खेड़की, लाला सिकंदरपुर, लक्ष्मी नारायण नखड़ौला, मान सिंह चेयरमैन, कुंदन नंबरदार खेड़की समेत मौजूद रहे।

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