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    एनओसी है और रैंप नहीं

    By Edited By:
    Updated: Thu, 20 Oct 2016 04:12 PM (IST)

    अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम नियम है कि किसी भी बहुमंजिला अस्पताल में रैंप बनाया जाना जरूरी है और इसक

    अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम

    नियम है कि किसी भी बहुमंजिला अस्पताल में रैंप बनाया जाना जरूरी है और इसके बिना सरकारी विभाग से एनओसी नहीं मिलेगी लेकिन साइबर सिटी में ऐसे कई बड़े अस्पताल हैं, जिनके पास एनओसी है और रैंप नहीं है।

    ओडिसा में अस्पताल के अंदर आग लगने के बाद अब अस्पतालों में मरीज कितने सुरक्षित हैं, इस पर सवाल खड़े होने लगे हैं, लेकिन आज शहर में ऐसे कई बड़े अस्पताल हैं, जिन्हें नियम पूरे किए बिना ही फायर विभाग से एनओसी मिल गई है। यही नहीं, उन अस्पतालों को नेशनल एक्रिडिएशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल (एनएबीएच) से सर्टिफिकेट लिया हुआ है। जबकि नियम है कि जितनी मंजिलें का अस्पताल में हैं वहां तक (रैंप) होना जरूरी है। सवाल खड़ा हो रहा है कि फिर कैसे अस्पतालों को सरकार से मान्यता और एनएबीएस से सर्टिफिकेट मिला है। शहर में छोटे- बड़े 100 से ज्यादा अस्पताल हैं लेकिन रैंप कितनों में है, यह किसी के पास जानकारी नहीं है। एक- दो मंजिल वाले अस्पतालों में अगर रैंप नहीं है तो भी काम चल जाएगा लेकिन यहां तो दस या ज्यादा मंजिल वाले अस्पतालों में रैंप नहीं है।

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    रैंप की आवश्यकता :

    स्वास्थ्य विभाग के एक्सपर्ट का कहना है कि कोई भी अस्पताल पांच व दस या ज्यादा मंजिल का अस्पताल है तो नियम है कि सभी मंजिल तक रैंप होना जरूरी है। अगर अस्पताल में आग लगती है तो लिफ्ट बंद कर दी जाएगी और मरीजों को सीढि़यां का प्रयोग कर निकाला जाएगा। लेकिन जो मरीज गंभीर है और उन्हें व्हील चेयर या स्ट्रेचर की जरूरत है उसके बिना नहीं चल सकते हैं तो ऐसे मरीजों को कैसे बाहर लाया जाएगा। क्योंकि आग लगने के बाद अस्पताल में लगी लिफ्ट का प्रयोग नहीं कर सकते। ऐसे में रैंप से ही बाहर निकाला जा सकता है।

    अस्पताल प्रबंधकों का तर्क

    बड़े अस्पतालों का तर्क है कि उन्होंने लिफ्ट सिस्टम ऐसा बनाया है कि रैंप की जरूरत नहीं है, शायद यह सही भी है। लेकिन यह तभी तक सही है जब तक अस्पताल में आग जैसी घटना नहीं होती है। अगर आग लगती है तो लिफ्ट बंद करनी होगी। फिर मरीज कैसे बाहर निकाले जाएंगे, इसके बाद अस्पताल प्रबंधक के पास कोई जवाब नहीं है। वैसे अस्पतालों ने ग्राउंड फ्लोर पर बनाए इमरजेंसी वार्ड में पहुंचने के लिए से छोटे छोटे रैंप बनाएं हैं और उसी को नियम पूरा किया मान रहे हैं।

    फायर सिस्टम :

    बड़े अस्पतालों ने फायर सिस्टम बेहतर बनाए हैं। इसके लिए शायद टीम को भी प्रशिक्षण दिया होगा। पानी फायर सिस्टम से लेकर आग बुझाने वाले गैस सिलेंडर लगाए हैं लेकिन जब आग लगती है तो यह प्रबंध कुछ राहत के लिए होते हैं।