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    कपालभाति योग एलर्जी से दिलाता है मुक्ति

    By Edited By:
    Updated: Sun, 06 Dec 2015 06:42 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, गुड़गांव : सर्दी को सेहत का मौसम कहा जाता है, लेकिन इसके साथ कुछ बीमारियां भी आती

    जागरण संवाददाता, गुड़गांव : सर्दी को सेहत का मौसम कहा जाता है, लेकिन इसके साथ कुछ बीमारियां भी आती हैं, जो आपको बड़े खतरे में डाल सकती हैं। योग के माध्यम से इन बीमारियों पर काबू पाया जा सकता है। योग एलर्जी की समस्या को हमेशा के लिए खत्म कर सकता है। इससे पीड़ित लोगों को लगातार कपालभाति का अभ्यास करना होगा।

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    योग विशेषज्ञ डा. सुनील आर्य का कहना है कि योग हमारे तन को स्वस्थ व शक्तिशाली बनाने तथा मन को स्थिर व केंद्रित करने में सहायक है। योगासन के अभ्यास से हम सर्दी जुकाम इत्यादि रोगों का प्रभावी उपचार कर सकते हैं। योग का नियमित अभ्यास हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ बाहरी वायरस से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है।

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    1. नाड़ी शोधन प्राणायाम

    इसे अनुलोम-विलोम के नाम से जानते हैं। इसमें दोनों पैरों एक दूसरे पर चढ़ाकर बैठे और एक साइड के नॉक को बंदकर सांस लेने से सर्दी से अवरुद्ध नासिका द्वार खुल जाते हैं, जिससे फेफड़ों को अधिक मात्रा में आक्सीजन प्राप्त होती है। यह प्राणायाम तनाव से मुक्ति व शरीर को शांति-सुख प्रदान करने भी सहायक है। सर्दी से छुटकारा पाने के लिए इसके 7-8 बार दिन में 2 -3 बार अभ्यास करें।

    2. कपालभाति प्राणायाम

    इस प्राणायाम में सांस को नाक पर दबाब बनाते हुए जोर से छोड़ते हैं। इसके अभ्यास से हमारी सांस नली में उपस्थित अवरोध खुल जाते हैं, जिससे सांस का आवागमन आसान हो जाता है। इसके अतिरिक्त इस प्राणायाम से हमारा नाड़ीतंत्र सशक्त होता है और रक्त प्रवाह बढ़ने के आलावा मन पंसद रहता है। यह प्राणायाम 2-3 बार करें। इससे सर्दी में राहत मिलती है और शरीर उर्जावान बनता है।

    3. हस्तपादासन ----

    यह आसन खड़े होकर आगे की तरफ झुककर किया जाता है। इसमें रक्त का प्रवाह हमारे सिर की तरफ बढ़ता है। यह क्त्रिया सायनस को साफ करती है और हमारे नाड़ीतंत्र को बल मिलता है तथा शरीर तनाव-मुक्त होता है।

    4. मतस्यासन

    इस आसन में रहते हुए लम्बी और गहरी सांस लेने का अभ्यास से सभी प्रकार के सांस सम्बन्धी रोगों व सर्दी -जुकाम से छुटकारा मिलता है। इस आसन से गर्दन व कंधों का तनाव दूर होता है जिससे झुके हुए कंधे अपने स्वाभाविक स्वरुप में आ जाते है।

    5. विपरीत करनी

    इस आसन में अपनी टांगों को ऊपर की ओर उठाते हुए किये गए इस आसन से सांस तंत्र के रोगों का उपचार में महत्वपूर्ण प्रभाव होता है. इससे सिर दर्द व कमर दर्द से मुक्ति मिलती है. यह आसन सर्दी व जुकाम से ग्रस्त रोगी के मनोबल में वृद्धि करता है।

    6. शवासन

    शवासन व्यक्ति को गहन ध्यान व विश्राम की स्थिति में ले जाकर शरीर में शक्ति व स्फूर्ति का संचार करता है। इसके अभ्यास से शरीर तनाव से मुक्त होता है और इसी आसन से योगासनों का अंत भी करना चाहिए। इससे शरीर को लाभ मिलता है।