Move to Jagran APP

फतेहाबाद में डीएपी के बाद बढ़ा यूरिया संकट, किसानों को नहीं मिल रही खाद, गेहूं उत्पादन पर पड़ेगा असर

फतेहाबाद में अब तक सवा तीन लाख एकड़ में गेहूं की बिजाई हुई है। जिन किसानों ने अगेती गेहूं की बिजाई की है। वे किसान अब गेहूं के खेत में पहली सिंचाई कर रहे है। सिंचाई के उपरांत गेहूं में खाद की जरूरत पड़ती है।

By Jagran NewsEdited By: Naveen DalalPublished: Tue, 29 Nov 2022 08:55 PM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2022 08:55 PM (IST)
फतेहाबाद में डीएपी के बाद बढ़ा यूरिया संकट, किसानों को नहीं मिल रही खाद, गेहूं उत्पादन पर पड़ेगा असर
सरकारी बिक्री केंद्रों पर नहीं आई हुई है खाद।

फतेहाबाद, जागरण संवाददाता। फतेहाबाद में अब यूरिया संकट आ गया है। किसानों को यूरिया खाद नहीं मिल रही। इससे किसान परेशान है। किसानों का कहना है कि गेहूं में पहली सिंचाई करने बाद यूरिया की जरूरत पड़ रही है, लेकिन खाद मिल नहीं रही। इससे उनको परेशानी आ रही है। किसान संगठनों की मांग है कि सरकार यूरिया के लिए उचित व्यवस्था बनाए, ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न आए। बिना यूरिया खाद के चलते गेहूं के उत्पादन पर असर पड़ेगा।

loksabha election banner

जिले में 20 हजार एकड़ में जलभराव की वजह से नहीं हुई गेहूं की बिजाई

जिले में अब तक सवा तीन लाख एकड़ में गेहूं की बिजाई हुई है। जिन किसानों ने अगेती गेहूं की बिजाई की है। वे किसान अब गेहूं के खेत में पहली सिंचाई कर रहे है। सिंचाई के उपरांत गेहूं में खाद की जरूरत पड़ती है। ऐसे में किसानों को मार्केट में यूरिया खाद नहीं मिल रही। इससे परेशानी बढ़ गई है। किसानों को इफको व कृभको केंद्रों पर यूरिया खाद नहीं मिल रही है। वहीं व्यापारी यूरिया खाद के साथ किसान को खरपतवार नाशक दवा बेच रहे है। इससे उनको एक यूरिया का बैग 500 रुपये से अधिक का मिल रहा है, जबकि इसकी सरकारी कीमत 270 रुपये ही है।

जलभराव होने से गेहूं की बिजाई प्रभावित, नुकसान से बचने के लिए डाल रहे यूरिया

जिले में इस बार बारिश से करीब 50 हजार एकड़ में जलभराव हुआ था। अब इसमें से 20 हजार एकड़ में गेहूं की बिजाई प्रभावित हुई है। ऐसे में जो किसान पछेती गेहूं की बिजाई कर रहे है। उन किसानों को बिजाई के साथ डीएपी के साथ यूरिया का डालनी जरूरी है, लेकिन किसान यूरिया न मिलने के चलते परेशान है। किसानों का कहना है कि सरकार को यूरिया का उचित प्रबंधन करना चाहिए।

अधिकारी के अनुसार

जिले में वैसे यूरिया का स्टाक नियमित तौर पर आ रहा है। किसान नैनो यूरिया का प्रयोग कर सकते है। नैनो यूरिया की किसी प्रकार की कमी नहीं है। बस किसान को इसकी स्प्रे करनी होगी। नैनो यूरिया आधा लीटर प्रति एकड़ के लिए पर्याप्त है।

---- डा. राजेश सिहाग, डीडीए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.