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    रूसी सेना में फंसे हरियाणा के दो युवक, बेटों के लिए दूसरी बार CM नायब से मिले स्वजन; आखिरी बातचीत से परिवार में चिंता

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 11:34 PM (IST)

    फतेहाबाद के कुम्हारिया गांव के दो युवक विजय पूनिया और अंकित जांगड़ा रूसी सेना में जबरन भर्ती किए गए। उनके परिवारों ने मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलकर उन्हें वापस लाने की गुहार लगाई है। परिजनों ने बताया कि उनका युवकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है और विदेश मंत्रालय से भी कोई मदद नहीं मिली है।

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    रूसी सेना में फंसे हरियाणा के युवक। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। फतेहाबाद के कुम्हारिया गांव के दो युवकों, विजय पूनिया और अंकित जांगड़ा, को रूसी सेना में जबरन भर्ती किए जाने के मामले में उनके स्वजनों ने शनिवार को दूसरी बार मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की।

    युवकों के भाई रघुवीर जांगड़ा और सुनील पूनिया ने मुख्यमंत्री से उनके भाइयों को रूस के चंगुल से जल्द से जल्द बाहर निकालने की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सैनी ने आश्वासन दिया है कि फिर से विदेश मंत्रालय से बात करते हुए दोनों युवकों को देश में वापस लाने का प्रयास किया जाएगा।

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    उन्होंने बताया कि पिछले 55 घंटे से उनका अपने भाइयों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है, जिससे परिवार में बेहद चिंता का माहौल है। रघुवीर और सुनील ने मुख्यमंत्री को बताया कि नौ सितंबर को भी वे सीएम से मिलकर आए थे, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने विदेश मंत्रालय से बात करने का आश्वासन दिया था।

    हालांकि, अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। युवकों से उनकी आखिरी बात गुरुवार रात को वाइस चैट के माध्यम से हुई थी। उसके बाद से लगातार टेलीग्राम के जरिए संपर्क करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है।

    विदेश मंत्रालय को भेजी गई मेल का भी कोई उत्तर नहीं आया है, जिससे परिवार की चिंता और बढ़ गई है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि उनके भाइयों की वापसी के लिए जल्द से जल्द उच्चस्तरीय प्रयास किए जाएं।

    अंकित और विजय ने बताई थी वहां की ये बातें

    अंकित और विजय ने स्वजनों से बात करते हुए बताया था कि वे 13 लड़के थे, जिनमें से 6 ही बचे हैं और बाकी को आगे भेज दिया गया है। युवकों ने यह भी कहा था कि चार लड़कों की मौत हो चुकी है।

    उन्हें अंडरग्राउंड इमारतों में रखा गया है, जिसके गेट रात 8 बजे से सुबह 4 बजे तक बंद रहते हैं और बाहर 6-7 सुरक्षाकर्मी लगातार नजर रखते हैं।

    युवकों ने बताया था कि जब उन्होंने वापस जाने की बात कही तो रूसी सेना के इंचार्ज ने उनके सिर पर बंदूक तान दी और धमकी दी कि अगर वे वापस जाने की कोशिश करेंगे तो उन्हें 15 साल की जेल होगी। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए स्वजनों ने मुख्यमंत्री से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद जताई है।