मेरा पानी मेरी विरासत योजना का लाभ लेने के लिए 25 तक करवाना होगा पंजीकरण
हरियाणा राज्य के गिरते भूजल को बचाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा इस वर्ष भी फसल विविधिकरण योजना मेरा पानी मेरी विरासत को लागू रखने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। यह योजना गत वर्ष भी लागू की गई थी तथा हरियाणा राज्य में लगभग एक लाख एकड़ धान की फसल का वैकल्पिक फसलों में विविधिकरण किया गया था। इस वर्ष राज्य में दो लाख एकड़ का लक्ष्य रखा गया है। पिछले साल भी किसानों ने धान की फसल छोड़कर नरमा की फसल की बुआई की थी। इसके अलावा इस बार भी किसान तिलहन फसलों की तरफ ध्यान दे रहे है।

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
हरियाणा राज्य के गिरते भूजल को बचाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा इस वर्ष भी फसल विविधिकरण योजना मेरा पानी मेरी विरासत को लागू रखने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। यह योजना गत वर्ष भी लागू की गई थी तथा हरियाणा राज्य में लगभग एक लाख एकड़ धान की फसल का वैकल्पिक फसलों में विविधिकरण किया गया था। इस वर्ष राज्य में दो लाख एकड़ का लक्ष्य रखा गया है। पिछले साल भी किसानों ने धान की फसल छोड़कर नरमा की फसल की बुआई की थी। इसके अलावा इस बार भी किसान तिलहन फसलों की तरफ ध्यान दे रहे है।
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विभाग ने ये रखा है लक्ष्य टारगेट
फसल भूमि (एकड़ में)
मक्का 200
कपास 21000
दालें 40
खरीफ तिलहन 140
चारा/खाली 1000
फल/सब्जी 1875
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ये मिलेगा लाभ
जिले में 24255 एकड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस स्कीम के तहत जो किसान धान की फसल को छोड़कर उसकी जगह उसी क्षेत्र में कपास, मक्का, अरहर, मूंग, मोठ, उड़द सोयाबीन, चारा, ग्वार, तिल, मूंगफली, फल व सब्जियों की काश्त करेगा उसे 7000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
जिन किसानों ने खरीफ 2020 के दौरान इस स्कीम का लाभ उठाया था वे अगर इस वर्ष भी उसी क्षेत्र में फसल विविधिकरण करते हैं तो वे सभी किसान इस स्कीम के पात्र होंगे। जिन किसानों ने खरीफ 2020 में जिस क्षेत्र में धान लगाया था व इस वर्ष उस क्षेत्र को खाली छोड़ देते है तो वे किसान भी इस स्कीम के पात्र होगें। वे सभी किसान जो स्कीम का लाभ लेना चाहते हैं, उन्हे कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा संचालित मेरा पानी मेरी विरासत पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा। सभी पात्र किसानों का फसल बीमा, जो फसलें प्रधानकंत्री फसल बीमा योजना के तहत आती है, सरकार द्वारा मुफ्त करवाया जाएगा। जिन फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है उन सभी फसलों की खरीद सरकार द्वारा की जाएगी।
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गांवों में दी जारी रही जानकारी
इस योजना को क्रियान्वित करने की जानकारी देते हुए बताया कि फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने तथा तकनीकी जानकारी के लिए किसानों को गांव स्तर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों द्वारा वैकल्पिक फसलें बिजाई करने के लिए पूर्ण जानकारी दी जा रही है। कृषि विभाग व कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा किसानों को वैकल्पिक फसलों की आधुनिक तकनीक से बिजाई करने व अच्छी पैदावार लेने के लिए प्रदर्शन भी आयोजित किए जाएंगे। इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक किसानों को डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डाट एग्रीहरियाणा डाट जीओवी डाट आइएन पर मेरा पानी मेरी विरासत के लिक पर 25 जून, 2021 तक पंजीकरण करना होगा। इस पोर्टल पर किसानों का पंजीकरण शुरू हो चुका है। किसान स्वयं या कॉमन सर्विस सेंटर पर अपना पंजीकरण करवा सकता है।
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जिले में 24255 एकड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पानी की बचत के लिए हर किसी को आगे आना होगा। अगर कोई किसान ऐसा करता है तो कृषि विभाग की तरफ से सात हजार प्रति एकड़ भी देगा। वहीं भूमि में सुधार भी होगा। इसलिए अधिक से अधिक किसान मेरा पानी, मेरी विरासत योजना का लाभ उठाएं।
महावीर कौशिक, उपायुक्त फतेहाबाद।
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