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    चिराग स्कीम के विरोध में अध्यापकों ने किया प्रदर्शन, लालबत्ती चौक पर स्कीम की प्रतियां फूंकी

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 16 Jul 2022 11:11 PM (IST)

    जागरण संवाददाता फतेहाबाद चिराग स्कीम के विरोध में अध्यापकों ने शनिवार को हरियाणा ि ...और पढ़ें

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    चिराग स्कीम के विरोध में अध्यापकों ने किया प्रदर्शन, लालबत्ती चौक पर स्कीम की प्रतियां फूंकी

    जागरण संवाददाता, फतेहाबाद : चिराग स्कीम के विरोध में अध्यापकों ने शनिवार को हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के आह्वान पर फतेहाबाद में रोष प्रदर्शन कर इस स्कीम की प्रतियां फूंकी। अध्यापकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए इसे सरकारी स्कूलों को बंद करने की साजिश बताया। आज के प्रदर्शन की अध्यक्षता संघ के जिला प्रधान सुरजीत दुसाद व संचालन सचिव देसराज माचरा ने किया। इस मौके पर राज्य प्रधान धर्मेद्र ढांडा, सर्व कर्मचारी संघ के राज्य कोषाध्यक्ष राजेन्द्र बाटू, राज्य उपमहासचिव कृष्ण नैन, पूनम, एसएफ आई के पवन भूथन, डीवाईएफ आई के राज्य अध्यक्ष शहनवाज के अलावा काफी संख्या में अध्यापकों ने भाग लिया और सरकार की शिक्षक विरोधी नीतियों का विरोध किया।

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    जिला प्रधान सुरजीत दुसाद ने कहा कि किताबें न देकर, आधे अधूरे अध्यापक देकर, उपलब्ध अध्यापकों से दुनिया भर के गैर शैक्षणिक काम लेकर कक्षाओं से दूर करके, स्थानीय स्तर पर सभी स्ट्रीम व पद न देकर, परिवहन की उचित व्यवस्था न करके बच्चों को व अभिभावकों को प्राइवेट में दाखिले के लिए मजबूर करती रही। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूल शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए नहीं, बल्कि अधिकतम लाभ कमाने के लिए, अभिभावकों को लूटने के लिए खोले जाते हैं, ना कि जनकल्याण के लिए। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में दाखिला फीस व मासिक फीस लागु कर गरीब को इन स्कूलों से निकालने की कोशिश की जा रही है। सरकार द्वारा प्राइवेट स्कूलों में बच्चों के दाखिले पर 700-1100 रूपये फीस भरने का लालच दिया जा

    रहा है। इससे साफ है कि सरकार साम-दाम-दण्ड-भेद से सरकारी स्कूलों को बंद करने की साजिश रच रही है। उपमहासचिव कृष्ण नैन, ब्लाक प्रधान जगजीत जाखल, सतपाल भट्टू, दलबीर भूना, राधेश्याम फतेहाबाद, राजेश शर्मा टोहाना, संजय रतिया आदि ने मांग की कि शिक्षा के सार्वजनिक ढांचे को सु²ढ़ करते हुए चिराग योजना वापस ली जाए। मॉडल संस्कृति विद्यालयों में शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 की धारा के अनुरूप सार्वभौमिक अनिवार्य और निशुल्क शिक्षा को जारी रखा जाए। सरकारी स्कूलों में लागू फीस के फैसले को वापस लिया जाए। प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च विद्यालयों के मुखियाओं के पद समाप्त कर सीनियर सेकेंडरी के मुखियाओं को ही रखने की योजना को बंद कर पहले जैसी व्यवस्था बहाल रखी जाए। एनजीओ के माध्यम से व हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से भर्ती पर रोक लगाई जाए। छात्रों को अविलंब पुस्तकें एवं प्रोत्साहन राशियां जारी की जाए। दाखिलों में पीपीपी की अनिवार्यता खत्म की जाए।

    सभी वर्गों के तबादले अविलंब व्यवहारिक रेशनेलाइजेशन के साथ किए जाएं। प्राइवेटाइजेशन व स्वयं वित्त पोषण पर आधारित जनता विरोधी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को रद्द कर इसकी जगह जनकल्याणकारी, सार्वभौमिक, अनिवार्य व निशुल्क शिक्षा नीति लागु की जाए। इस मौके पर रिटायर्ड कर्मचारी संघ से बेगराज, नरेश, अजीत शास्त्री, राजपाल, संदीप, हनुमान, पृथ्वी बाना, राजेश गोठडा सहित सैंकड़ों शिक्षक शामिल रहे।