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    स्वच्छ सर्वेक्षण 2023: पिछले साल की अपेक्षा इस बार दो हजार अंक बढ़ाये, 9500 अंक पाने की चुनौती स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 का रिजल्ट आया नहीं, 2023 की गाइडलाइन जारी

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 21 Aug 2022 10:06 PM (IST)

    विनोद कुमार फतेहाबाद स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 का परिणाम अभी तक जारी नहीं हुआ है। अधिका

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    स्वच्छ सर्वेक्षण 2023: पिछले साल की अपेक्षा इस बार दो हजार अंक बढ़ाये, 9500 अंक पाने की चुनौती स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 का रिजल्ट आया नहीं, 2023 की गाइडलाइन जारी

    विनोद कुमार, फतेहाबाद :

    स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 का परिणाम अभी तक जारी नहीं हुआ है। अधिकारियों की माने तो अगले महीने यानि सितंबर महीने में परिणाम जारी हो जाएगी। परिणाम जारी होने से पहले ही स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 शुरू हो गया है। इस बार सर्वे 7500 की बजाए 9500 अंकों का होगा। ऐसे में दो हजार अंक बढ़ा दिए गए है। जिसे छोटे शहरों को फायदा होगा। अंक अधिक होने के कारण अंक भी अधिक मिलेंगे। जिससे रैकिग में सुधार होगा। सर्वे चार चरणों में स्वच्छ सर्वेक्षण शुरू हो गया है। सर्वेक्षण में सिटीजन फीडबैक सबसे पहले लिए जाएंगे, जबकि पहले अंतिम चरण पर सिटीजन फीडबैक लिया जाता था।

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    सिटीजन फीडबैक पहले लेने का मुख्य कारण ये है कि अब शहरों की तस्वीर साफ हो जाएगी। पहले टीम आने के बाद शहर को चकाचक कर दिया जाता था और शहरवासियों से फीडबैक लिया जाता तो वो ठीक ही देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। फोन द्वारा ही सिटीजन फीडबैक लिया जाएगा। कूड़ा उठाना व निस्तारण करने पर मिलेंगे अधिक अंक

    सर्विस लेवल प्रोग्रेस अहम रहेगा। 9500 अंकों में से 4525 अंक सर्विस लेवल प्रोग्रेस के निर्धारित किए गए हैं। सर्विस लेवल प्रोग्रेस में निर्धारित 4525 में से 1750 अंक तो कूड़ा उठान की सेवा को लेकर ही मिलेंगे। नप या नपा शहर में कूड़ा उठाने की किस तरह की सेवा मुहैया करवा रही है। सीवरेज के ढक्कन 100 प्रतिशत कवर होने चाहिए, वहीं कचरा प्रबंधन के 1830 अंक इस बार निर्धारित किए गए हैं, जबकि पिछले साल 1200 अंक इसके थे। शहर से निकले वाले कचरे का प्रबंधन नगर परिषद या पालिका किस तरह करती है, इस पर खास फोकस रहेगा। कूड़ा उठान पर इस इस बार अंक करीब दोगुने कर दिए गए हैं। पिछले साल जहां कूड़ा उठान सर्विस के 900 अंक निर्धारित थे, इस बार इसे बढ़ाकर 1750 अंक निर्धारित किए गए हैं। ये है चुनौतियां

    जिले में बेशक स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 शुरू हो गया है। लेकिन इस बार अधिक चुनौतियां है। जिसका सामना अधिकारियों को करना होगा। जिले के किसी भी शहर में नाइट स्वीपिग नहीं हो रही है। ऐसे में इस समस्या को दूर करना होगा। सबसे बड़ी समस्या ये है कि डोर-टू-डोर जो कूड़ा उठाया जा रहा है उसे गीला व सूखा भी अलग नहीं किया जा रहा है। जिससे इसे पार पाना भी जरूरी है। इसके अलावा शहरवासियों को क्या सुविधा मिल रही है इस पर भी अधिक ध्यान देना होगा। इस बार नया ये है कि सीवरेज के पानी का ट्रीट किया जा रहा है या नहीं इसके अंक भी निर्धारित किए गए है। अब जानें इस तरह मिलेंगे अंक

    सुविधा पहले अंक अब

    सर्विस 3000 4525

    सर्टिफिकेशन 2250 2500

    सिटीजन फीडबैक 2250 2475

    कुल 7500 9500

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    अब जाने शहरों की आबादी व कितना हर दिन निकल रहा कूडा़

    शहर आबादी कूड़ा निकल रहा

    फतेहाबाद 1 लाख 35 टन

    टोहाना 1 लाख 30 टन

    रतिया 50 हजार 20 टन

    भूना 30 हजार 15 टन

    जाखल 25 हजार 10 टन

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    पिछले चार सालों में शहरों का ये रहा है परिणाम

    शहर 2021 2020 2019 2018

    फतेहाबाद 30 27 177 191

    टोहाना 60 26 329 289

    भूना 178 105 399 172

    रतिया 130 137 984 572

    जाखल 552 000 000 000

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    स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 का परिणाम अगले महीने आने की उम्मीद है। वहीं 2023 की तैयारियां भी शुरू हो गई। इस बार दो हजार अंक बढ़ाए गए है। पिछले साल 7500 अंक थे जो इस बार बढ़कर 9500 हो गए है। इस बार उम्मीद है कि जो भी कमियां रह गई है उसे समय रहते दूर कर लिया जाएगा।

    कुलदीप सिंह, जिला इंचार्ज स्वच्छ भारत मिशन।