अब पशुओं का बनेगा आधार कार्ड, प्रत्येक पशु का मिलेगा ऑनलाइन रिकार्ड
जागरण संवाददाता फतेहाबाद प्रदेश सरकार ने पशुओं का आधार कार्ड बनाने की योजना धरात
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
प्रदेश सरकार ने पशुओं का आधार कार्ड बनाने की योजना धरातल पर शुरू कर दी है। मंगलवार से जिला पशुपालन विभाग की देखरेख में आधार कार्ड बनाने का काम शुरू हो गया। सरकार के निर्देशानुसार आगामी 31 दिसंबर तक सभी प्रकार के पशुओं का आधार बनाने हैं। जिस तरह सरकार ने योजना शुरू की है। इसे सही से लागू करते हुए आधार कार्ड बनाए गए तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। यानी सरकार के सामने आंकड़े आ जाएगा कि जिले में कितने पशु दुधारू हैं और उनसे कितना उत्पादन हो रहा है। ऐसे में यह योजना आमजन से भी जुड़ी हुई है। अब नकली दूध का कारोबार बड़ी संख्या में होता है। पशुओं का ऑनलाइन रिकार्ड होने पर सबके सामने आएगा कि प्रत्येक गांव में इतने पशु हैं और मिल्क प्लांट में इतना दूध जा रहा है। नकली दूध उत्पादन पर रोक तो बेशक न लगे। लेकिन सच्चाई सामने आ जाएगी। वैसे पशुओं का आधार बनने का कार्य इस वर्ष के अप्रैल महीने में शुरू हो जाना था। लेकिन कोरोना काल के चलते 8 महीने की देरी से शुरू हुआ है। पशुपालन विभाग के अनुसार ये अभियान पशुओं के टीकाकरण के साथ शुरू किया है। अब पशुओं के मुंहखुर व गलघोंटू के टीके लगाए जा रहे हैं। इस अभियान के साथ ही पशुओं की गणना करते हुए उनका आधार नंबर दर्ज किए जाएंगे। पशुपालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ये रिकार्ड ऑनलाइन होगा। किसी एक पशु का आधार नंबर दर्ज होने पर उसकी सारी विशेषता दर्ज की जाएगी। ---------------------- योजना से पशु किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ मिलने में होगी आसानी : किसानों की आय के लिए कृषि के साथ पशुधन महत्वपूर्ण है। सरकार ने किसान पशु क्रेडिट कार्ड योजना के बाद अब पशुओं का आधार कार्ड बनाना शुरू कर दिया है। इससे अब पशुपालकों को पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ मिलने में आसानी होगी। पशुपालक के पास कितने पशु हैं। उसकी जानकारी बैंक अधिकारियों को ऑनलाइन मिल जाएगी। ऐसे में किसानों को इस योजना का लाभ बड़े स्तर पर मिलेगा।
---------------------------------
10 नंबरों का होगा पशुओं का आधार कार्ड : पशुओं का आधार कार्ड 10 नंबरों का होगा। पशु के कान में छेद कर प्लास्टिक का एक ईयर टैग लगा फोटो खींची जा रही है। उस टैग पर नंबर होगा। आधार कार्ड में संबंधित पशु की आयु, बीमारी की जानकारी, खरीद-फरोख्त की तारीख, ब्यांत व टीकाकरण आदि की जानकारियां दर्ज होंगी। एक फार्म में पशु की नस्ल, उम्र, गर्भ धारण व अन्य जानकारी के साथ पशु के मालिक का नाम, उसका मोबाइल नंबर के साथ अन्य जानकारी भरकर कंप्यूटर पर अपलोड होगी। इयर टैग से पशुओं के टीकाकरण के नाम पर होने वाली गड़बड़ी भी थम जाएगी। टीकाकरण का रिकार्ड रजिस्टर में दर्ज होगा। रजिस्टर में पशु का आधार नंबर टीकाकरण के साथ दर्ज किया जाएगा। टीकाकरण सही तरीके से होने पर पशुओं की बीमारियों की रोकथाम में मदद मिलेगी। साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायता मिलेगी। ----------------------- चोरी होने पर कार्रवाई में होगी आसानी : बेशक प्रदेश में पशुपालकों के पास लाखों रुपये की एक-एक भैंस है। ऐसे में पशुधन की कीमत बढ़ी तो चोरी होने के मामले भी बढ़ गए। आधार कार्ड से पशुओं की विशेष पहचान बनेगी। इससे मालिक का भी विवरण होगा। आने वाले समय में पशुओं की चोरी इतनी आसानी से नहीं होगी। चोरी होने के बाद पुलिस चोर को पकड़ने में कामयाब होगी। अब भैंस चोरी के मामले में पुलिस चोर तक नहीं पहुंच पाती। बेशर्त सरकार पशुओं की आधार को लेकर कानून रूप भी मजबूत करें। ये तभी संभव हो पाएगा ---------------------------- लगातार कम हो रहे जिले में पशु : पशु विभाग पिछले 60 सालों से पशुओं की गणना कर रहा है। हालांकि आधार कार्ड पहली बार बनाए जा रहे है। विभाग के अनुसार पहली गणना वर्ष 1961 में हुई थी। उसके बाद लगातार पांच वर्ष के अंतराल पर गणना होती हैं। वर्ष 2012 के बाद वर्ष 2019 में 20वीं पशुओं की गणना हुई। 19वीं व 20वीं गणना के दौरान जिले में 84 हजार पशु कम हो गए। इनमें से 77 हजार अकेले भैंस शामिल हैं। हालांकि 9 हजार गोवंश बढ़ा हैं। लेकिन कुत्ता, ऊंट व सूअर की संख्या भी कम हुई है।
---------------------
जिले में पशुओं का आधार कार्ड बनना शुरू हो गया। ये कार्य 31 दिसंबर तक पूरा करना है। पशुपालन विभाग इस अभियान को टीकाकरण अभियान के साथ चला रहा है। आधार कार्ड का रिकार्ड ऑनलाइन रहेगा। जिसमें पशु का मालिक, दुधारू पशु की नस्ल, ब्यांत का समय, टीकारण, दूध उत्पादन सहित सभी जानकारी शामिल है। मेरा आमजन से आग्रह है कि वे पशुओं का आधार कार्ड बनाने में विभाग का सहयोग करें।
- डा. काशीराम, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग।
--------------------------- जिले की पिछली दो पशु गणना के अनुसार संख्या
पशु के नाम वर्ष 2019 वर्ष 2012
गोवंश 109062 100608
भैंस 234323 311965
बकरी 15146 17254
भेड़ 13189 12962
घोड़ा 443 1536
टट्टू 17 ---
खच्चर 57 277
गधा 12 117
सूअर 2160 4995
ऊंट 547 1840
कुत्ता 2373 9501
खरगोश 87 ---
हाथी 0 ----
कुल पशु 377416 461544 उपरोक्त आंकड़े पशु पालन विभाग की गणना के अनुसार है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।