जिले के एनजीओ व स्वैच्छिक संस्थाओं को नीति आयोग के एनजीओ दर्पण पोर्टल पर करना होगा पंजीकरण
केंद्र सरकार ने एक और सुधारवादी कदम उठाते हुए गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और स्वैच्छिक संस्थाओं के लिए नियमों में बदलाव किया है। सरकार के नये नियमों के अनुसार अब देश के तमाम एनजीओ और स्वैच्छिक संस्थाओं को सरकारी अनुदान प्राप्त करने के लिए नीति आयोग में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
केंद्र सरकार ने एक और सुधारवादी कदम उठाते हुए गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और स्वैच्छिक संस्थाओं के लिए नियमों में बदलाव किया है। सरकार के नये नियमों के अनुसार अब देश के तमाम एनजीओ और स्वैच्छिक संस्थाओं को सरकारी अनुदान प्राप्त करने के लिए नीति आयोग में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा।
देश के सभी एनजीओ और स्वैच्छिक संस्थाओं को नीति आयोग में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सबसे पहले यूनिक पहचान बनानी होगी। इसके लिए नीति आयोग की ओर से शुरू किये गये एनजीओ दर्पण पोर्टल पर खाता बनाना होगा। जिले की सभी एनजीओ व स्वैच्छिक संस्थाओं से कहा गया कि वे नीति आयोग के दर्पण पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाना सुनिश्चित करें ताकि उन्हें सरकार की तरफ से दिए जाने वाले अनुदान में किसी तरह की दिक्कत न आएं। जिले में करीब 120 संस्थाएं हैं। लेकिन जो पंजीकरण है उसका आंकड़ा 60 के करीब है।
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पारदर्शिता लाने के लिए शुरू किया गया पोर्टल
नीति आयोग ने गैर सरकारी संगठनों के क्रियाकलाप में पारदर्शिता लाने के लिए एनजीओ दर्पण पोर्टल शुरू किया है। सभी एनजीओ को इस पोर्टल पर पंजीकरण कराना जरूरी है। पंजीकरण कराने पर एनजीओ को एक यूनिक नंबर मिलेगा जो उनके पैन नंबर से लिक होगा है। एनजीओ जब सरकार के पास अनुदान की अर्जी देंगे तो उन्हें इस यूनिक कोड की जरूरत पड़ेगी। एनजीओ एक कॉमन पोर्टल के माध्यम से ही सरकारी ग्रांट के लिए आवेदन कर सकेंगे।
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अब आंकड़ों से जानें कहां कितनी हैं संस्थाएं
-जिले में संस्था : 120
फतेहाबाद : 40
टोहाना : 30
रतिया : 20
भूना : 10
भट्टूकलां : 10
जाखल : 10
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जिले की सभी एनजीओ से अपील है कि वो दर्पण पोर्टल पर पंजीकरण करवाए। पंजीकरण करने के बाद एक यूनिक नंबर मिल जाएगा। यह पंजीकरण संस्था के पैन नंबर से अटैच होगा। जिसके बाद सरकार द्वारा अगर किसी प्रकार की सहायता लेनी है तो उसे ऑनलाइन ही पंजीकरण करना होगा। यह पोर्टल इसलिए शुरू किया है ताकि पारदर्शिता बनी रहे। किस संस्था को क्या मिला है इसकी जानकारी मिलती रह सकती है।
डा. नरहरि सिंह बांगड़,
उपायुक्त, फतेहाबाद।