Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नई बोलेरो गाड़ी 7 लाख की, नप किराये के लिए 45 हजार रुपये प्रति महीना करेगा खर्च

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 10 Feb 2021 07:00 AM (IST)

    सात साल बाद नगर परिषद फतेहाबाद के अधिकारियों को गाड़ी मिली है। अधिकारियों को अगर किसी मीटिग या क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए जाना पड़े तो उन्हें अपनी ...और पढ़ें

    Hero Image
    नई बोलेरो गाड़ी 7 लाख की, नप किराये के लिए 45 हजार रुपये प्रति महीना करेगा खर्च

    जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :

    सात साल बाद नगर परिषद फतेहाबाद के अधिकारियों को गाड़ी मिली है। अधिकारियों को अगर किसी मीटिग या क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए जाना पड़े तो उन्हें अपनी गाड़ी इस्तेमाल करनी पड़ती थी। लेकिन अब गाड़ी उन्हें मिल गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नगर परिषद ने यह गाड़ी खरीदी नहीं बल्कि किराये पर ली है। नगर परिषद प्रति महीना 45 हजार रुपये गाड़ी संचालक को देगा। दरअसल नगर परिषद में ईओ, कार्यकारी अभियंता व नप प्रधान के पास गाड़ी नहीं है। ऐसे में उन्हें परेशानी का सामान करना पड़ रहा था। स्थानीय अधिकारियों ने गाड़ी लेने के लिए उच्चाधिकारियों से गुहार भी लगाई थी। लेकिन अब गाड़ी न खरीदकर किराये पर गाड़ी ले ली है। ऐसे में इस गाड़ी का प्रयोग प्रधान, ईओ व कार्यकारी अभियंता कर सकते हैं। गाड़ी को लेकर विवाद हुआ खड़ा

    मंगलवार को बोलेरो गाड़ी नप ने किराये पर ली है। लेकिन गाड़ी का किराया 45 हजार रुपये है। ऐसे में पार्षदों ने रोष जताना भी शुरू कर दिया है। नई बोलेरो गाड़ी की कीमत जब 7 लाख है, ऐसे में एक साल में ही लगभग इतना किराया नगर परिषद चुका देगा। ऐसे में साल के अंत में उसके पास गाड़ी भी नहीं रहेगी। वहीं बताया जा रहा है कि नगर परिषद के किसी कर्मचारी के रिश्तेदारी की यह गाड़ी है। लेकिन नप अधिकारी दावा कर रहे हैं कि नियम के अनुसार ही गाड़ी किराये पर दी गई है। अनेक लोगों ने डिमांड रखी थी। अधिकतम किराया 49 हजार रुपये था लेकिन सबसे कम 45 हजार रुपये भरा था। इसलिए उसे टेंडर दे दिया है। वहीं पार्षदों ने दावा किया है कि बुधवार को मीटिग कर रोष जताया जाएगा। पार्षद भी नप का हिस्सा हैं। ऐसे में उनको जानकारी तक नहीं दी गई। --- नियम के अनुसार ही गाड़ी ली गई है। अधिकतर रेट 49 हजार रुपये था और न्यूनतम 45 हजार रुपये था। ऐसे में उसकी गाड़ी ले ली है। खरीदने की पॉवर नहीं थी। ऐसे में किराये पर ली गई है। अधिकारियों को मीटिग में जाने के लिए दिक्कत होती थी।

    - डा. अरविद बालियान, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद, फतेहाबाद।