भाजपा नेत्री सोनाली फोगाट की मौत तीन साल बाद भी रहस्य ही बनी है। परिवार अदालत में न्याय की प्रतीक्षा कर रहा है। परिवार का दावा है कि सोनाली फोगाट की सुनियोजित तरीके से हत्या की गई थी। सोनाली की बेटी यशोधरा अब अपनी मां की विरासत को आगे बढ़ा रही है।
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। टिक-टाक से पहचान बनाने वाली और राजनीति में तेजी से उभरी भाजपा नेत्री सोनाली फोगाट की मौत को शनिवार को तीन साल पूरे हो गए, लेकिन यह एक रहस्य बनी हुई है। परिवार का कहना है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने लंबी जांच के बावजूद हत्या की वजह का खुलासा नहीं किया। अदालत में पचास से अधिक तारीख लग चुकी हैं। गवाह-सुबूत मौजूद हैं। इसके बावजूद आरोपित जमानत पर बाहर हैं और परिवार न्याय की उम्मीद में बैठा है।
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सोनाली के भाई फतेहाबाद के गांव भूथनकलां निवासी वतन ढाका और रिंकू ढाका ने कहा कि अदालत से अब तक केवल तारीख ही मिल रही है। आरोपितों की जमानत रद करने के लिए अर्जी दी हुई है, लेकिन सुनवाई आगे नहीं बढ़ पा रही। उन्होंने बताया कि पांच वकील मामले की पैरवी कर रहे हैं, परंतु न्याय की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठ रहा।
उनका आरोप है कि सोनाली की गाड़ियां और करीब पच्चीस लाख रुपये का सामान अब भी आरोपी सुधीर सांगवान के कब्जे में है। ढाका भाइयों ने कहा कि गवाहों को अदालत में पेश ही नहीं किया गया। यहां तक कि बहस भी शुरू नहीं हो सकी। कई बार तो जांच की जानकारी लेने के लिए उन्हें दिल्ली स्थित सीबीआई दफ्तर के चक्कर काटने पड़ते हैं ।
परिवार का कहना है कि सोनाली की सुनियोजित तरीके से हत्या की गई थी। टैक्सी चालक से लेकर रेस्टोरेंट के कर्मचारियों तक ने बयान दिए कि सोनाली की तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल नहीं ले जाया गया। वेटर ने बताया कि उसे चार घंटे तक शौचालय में रखा गया और पैसे देकर दरवाजा न खोलने के लिए कहा गया।
चार्जशीट में रासायनिक जांच रिपोर्ट और मेडिकल प्रमाण
सीबीआई ने 2500 पृष्ठों की चार्जशीट पेश की है, जिसमें रासायनिक जांच रिपोर्ट और मेडिकल प्रमाण मौजूद हैं। इसके बावजूद मुख्य आरोपी सुधीर सांगवान और सुखविंदर सिंह जमानत पर बाहर है। परिजनों ने बताया कि दो वर्ष पहले जमानत रद करने की अर्जी भी दायर की गई थी, मगर अब तक उस पर सुनवाई नहीं हो सकी। वहीं, आरोपी पक्ष मामले को रद करवाने की कोशिश में है।
सोनाली की विरासत अब बेटी के सहारे
सोनाली की मौत के बाद उनकी बेटी यशोधरा अधिकतर समय गांव भूथनकलां में रहती है। स्कूल की पढ़ाई पूरी कर चुकी है और अब कालेज में दाखिले की तैयारी कर रही है। मां की याद में वह कई बार उनके सामाजिक मंचों पर पुरानी तस्वीरें साझा करती है। बता दें कि सोनाली ने टिक-टाक से लोकप्रियता हासिल की थी और 2019 में आदमपुर विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी बनीं। हालांकि चुनाव हार गईं, लेकिन राजनीति में उनकी सक्रियता लगातार बढ़ रही थी।
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