'बेटे को वापस ले आएं तो आप हमारे भगवान...', उज्ज्वल भविष्य की चाह में उजड़े परिवार ने PM मोदी से लगाई गुहार
फतेहाबाद के गांव कुम्हारिया के दो युवक अंकित और विजय रूस में फंस गए हैं। उन्हें रूसी सेना में जबरन भर्ती कर यूक्रेन भेजा गया है। परिवारों ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है। अंकित की मां ने बेटे की सलामती के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर सवामणी की है।

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। गांव कुम्हारिया के दो मजदूर परिवार के बच्चे अंकित जांगड़ा व विजय पूनिया रूस में अपने उज्ज्वल भविष्य की चाह में गए, लेकिन अब जीवित वापस आने के लाले पड़ गए। परिवार केंद्र सरकार से मदद की आस में विदेश मंत्रालय से संपर्क कर रहा है, वहां पर एक ही जवाब दिया जा रहा है कि प्रयास किए जा रहे है।
वीरवार देररात को यूक्रेन से आई वाइस चेट से परिवार सदमे में है। जिसमें रूस सेना के द्वारा अवैध तरीके से सैनिक बनाए गए अंकित का संदेश आया है कि अब उनको बचा सकते है तो बचा लो, सुबह युद्ध के मोर्च पर भेज दिया जाएगा। उसके बाद पूरे दिन शुक्रवार को किसी प्रकार का संपर्क नहीं हुआ।
अंकित जांगड़ा की मां सुशीला अपने बेटे की सलामति की कामना के लिए भगवान की 11 सवामणी की अरदास की है। जिसमें एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम की भी शामिल है। रोते हुए सुशीला बताती हैं कि उसका बेटा अब घर वापस आएगा तो मोदी की बदौलत ही आएगा। उसके लिए प्रयास कर रहे है।
अंकित के बड़े भाई रघुवीर व पिता रामप्रताप जो राज मिस्त्री है वे बताते है कि उसके परिवार ने 5 लाख रुपये का कर्ज लेकर अंकित को रूस भेजा। उनके मकान का निर्माण बीच में पड़ा है। उम्मीद थी कि बेटा रूस जाकर परिवार की आर्थिक हालत सुधारेगा, लेकिन अब उसकी खुद की जिंदगी दाव पर लगी हुई है।
विजय पूनिया के परिवार की हालत खराब
विजय पूनिया का परिवार की हालत बेहद खराब है। विजय गांव में सीएससी सेंटर पर आपरेटर का काम करता था। गांव में पहले तीन लड़के रूस गए हुए थे तो वह भी करीब 7 लाख रुपये कर्ज लेकर जून में रूस चला गया। लेकिन अब रूस द्वारा जबरन सैनिक बनाकर यूक्रेन के भेज के बाद परिवार में विपत्ति का पहाड़ टूट गया।
विजय के छोटे भाई सुनील बताते है कि उनके पिता रोहताश की मौत करीब 15 साल पहले हो गई। उसकी मां सुमन व मौसी नारायणी व चाचा शिवकुमार ने बड़ी मुश्किल से पाला। उनके पास एक एकड़ जमीन है। उसमें ही ढाणी बनाकर रहते है। अब तो हालत यह है कि जलभराव से ढाणी में दरार आ गई। चारों तरफ पानी होने के चलते उसकी मां अपने मायके धांसू हिसार में पशु लेकर चली गई।
विदेश मंत्रालय से लगातार संपर्क में परिवार
विजय व अंकित के परिवार वालों को 7 सितंबर को सूचना मिली कि उनके बेटों को जबरन रूस ने अपनी आर्मी में शामिल करके रूस से करीब 500 किलोमीटर दूर यूक्रेन के शहर टोनीप्रो में लड़ने के लिए भेज दिया। दोनों को 15 अगस्त को सिक्योरिटी जोब के नाम पर सेना में जोड़ा।
उसके बाद परिवार के सदस्य मुख्यमंत्री नायब सैनी, सांसद कुमारी सैलजा के अलावा कई नेताओं से मिल चुके है। वहीं सिरसा में भाजपा के विधानसभा से प्रत्याशी रहे रोहताश जांगड़ा भी परिवार की मदद कर रहे है।
अंकित के भाई रघुवीर ने बताया कि बुधवार को भी दिल्ली जाकर विदेश मंत्रालय से संपर्क किया। अब सोमवार को फिर से विदेश मंत्रालय में जाकर दोनों भाइयों को वापस लाने का आग्रह किया जाएगा।
कुम्हारिया से 40 युवा गए विदेश, अब भी तैयारी कर रहे युवा
छोटे से गांव कुम्हारिया में 40 से अधिक युवा विभिन्न देशों में गए हुए हैं। इनमें से पांच रूस गए हुए थे। जिसमें से दो वापस आ गए। दो को सेना में भर्ती कर लिया। एक अभी भी रूस के शहर मास्को में है। इसके अलावा साइप्रस, कनाड़ा, जर्मनी सहित दूसरे देशों में युवा रोजगार की तलाश में गए हुए है।
इतने ही युवा अब भी विदेश जाने की तैयारी कर रहे है। गांव के आसपास युवाओं के लिए कोई रोजगार के साधन नहीं है। ऐसे में वे विदेश जाने की राह चुन रहे है।
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