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    हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में ऑन कॉल रखेंगे प्राइवेट डॉक्टर, प्रति केस के हिसाब से मिलेगी राशि

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 02:15 PM (IST)

    हरियाणा सरकार ने सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्राइवेट डॉक्टरों को ऑन कॉल रखने का फैसला किया है। इन डॉक्टरों को प्रति केस के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं हर समय उपलब्ध कराना है, जिससे राज्य के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।

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    फाइल फोटो

    विनोद कुमार, फतेहाबाद। जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति फतेहाबाद ने मातृ एवं नवजात शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से योग्य विशेषज्ञ चिकित्सकों से आन काल आधार मरीजों का इलाज करवाया जाएगा।

    समिति द्वारा जारी सूचना के अनुसार यह भर्ती जिला के विभिन्न उपमंडलों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में की जाएगी, ताकि आपात स्थिति में मरीजों को विशेषज्ञ उपचार समय पर उपलब्ध कराया जा सके। स्थानीय स्वास्थ्य विभाग दो बार विज्ञापन जारी कर चुका है लेकिन ग्रामीण सेंटरों में जाने के लिए डाक्टर तैयार नहीं है। एक तो जिला मुख्यालय से दूरी अधिक है तो दूसरा रात के समय इलाज के लिए जाना पड़ेगा।

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    इस योजना के अंतर्गत निश्चेतक (एनेस्थेटिस्ट), शिशु रोग विशेषज्ञ (पीडियाट्रिशियन) तथा स्त्री रोग विशेषज्ञ (गायनाकोलाजिस्ट) की नियुक्ति की जाएगी। सभी पद मातृ स्वास्थ्य (एमएच) योजना के अंतर्गत रखे गए हैं। प्राइवेट डाक्टर रखे जाएंगे।

    हर साल स्वास्थ्य विभाग ऐसा करता है। लेकिन पहले टोहाना व फतेहाबाद के अस्पताल में रखे जाते थे, लेकिन अब सब सेंटर में रखे जाएंगे। आने वाले दिनों में यहां पर व्यवस्था अच्छी रखी जाएगी।

    यहां पर जब गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी की जाती है तो विशेषज्ञ न होने के कारण जिला अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है। ऐसे में मरीज की तबीयत बिगड़ जाती है। अगर डाक्टर समय पर मिलेंगे तो मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी और गरीब परिवारों को बेहतर इलाज मिलेगा।

    अब जाने यहां पर ये रखे जाएंगे डॉक्टर

    निश्चेतक विशेषज्ञ (एनेस्थेटिस्ट) एसडीएच रतिया, सीएचसी भट्टू, सीएचसी बडोपल, सीएचसी भूना और सीएचसी जाखल में एनेस्थेटिस्ट डाक्टर रखे जाएंगे। जिनकी योग्यता एमबीबीएस या समकक्ष डिग्री (भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त) तथा निश्चेतना विषय में स्नातकोत्तर डिग्री या डिप्लोमा होना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए प्रत्येक केस के लिए 4500 रुपये देगा।

    शिशु रोग विशेषज्ञ (पीडियाट्रिशियन)

    एसडीएच रतिया, सीएचसी भट्टू, सीएचसी बडोपल, सीएचसी भूना और सीएचसी जाखल में एक-एक डाक्टर प्राइवेट रखे जाएंगे। योग्यता एमबीबीएस या समकक्ष डिग्री एवं बाल रोग विषय में स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा होना चाहिए। इसके लिए 3800 रुपये प्रति केस मिलेगा। डाक्टरों को जो सेंटर दिए गए है वहीं पर जाना होगा।

    स्त्री रोग विशेषज्ञ (गायनाकोलाजिस्ट)

    ये महिला डाक्टर एसडीएच रतिया, सीएचसी भट्टू, सीएचसी बडोपल, सीएचसी भूना और सीएचसी जाखल में रखी जाएगी। इसके लिए एमडी, एमएस या डीएनबी डिग्री स्त्री एवं प्रसूति रोग में या डीजीओ होना जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए प्रति केस 5500 रुपये देगा। दरअसल यहां पर डिलीवरी की सुविधा नहीं है। महिला चिकित्सक न होने के कारण जिला अस्पताल में आना पड़ता है। लेकिन अब महिला डाक्टर मिलेगी तो परेशानी कम होगी।

    क्या होगा इस योजना का फायदा

    अधिकारियों का कहना है कि इस योजना से जिले में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां विशेषज्ञ चिकित्सक की अनुपलब्धता रहती थी, वहां अब प्रसव एवं अन्य आपात स्थिति में तुरंत विशेषज्ञ सहायता मिल सकेगी।

    इससे प्रसव के दौरान जटिल परिस्थितियों से निपटना आसान होगा और नवजात शिशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इसके साथ ही सरकारी अस्पतालों पर मरीजों का भरोसा बढ़ेगा और निजी चिकित्सालयों पर निर्भरता कम होगी। आन काल सेवाओं के माध्यम से कम संसाधन वाले अस्पतालों में भी अब विशेषज्ञ स्तर की सुविधा मिल सकेगी।

    ऑन कॉल डॉक्टर रखे जाएंगे ताकि स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो सके। केस के हिसाब से राशि दी जाएगी। ये डाक्टर एक साल के लिए होंगे। रतिया, भूना, जाखल व भट्टूकलां में रखे जाएंगे ताकि वहां पर स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया जा सके।
    डा. बुधराम, कार्यकारी सिविल सर्जन फतेहाबाद।