ग्वार की उन्नत किस्मों को प्रयोग करें किसान
जागरण संवाददाता फतेहाबाद जून महीने से ग्वार की बुआई शुरू हो जाएगी। फतेहाबाद जिले म
जागरण संवाददाता, फतेहाबाद :
जून महीने से ग्वार की बुआई शुरू हो जाएगी। फतेहाबाद जिले में जहां पानी कम है वहां पर ग्वार की खेती की जा रही है। ऐसे में किसानों ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। अक्सर मई महीने के अंत में बरसात हो जाती है। बरसात के साथ ही किसान ग्वार की बिजाई शुरू कर देते है। मानसून के दिनों में यह फसल तैयार भी हो जाती है। खरीफ के सीजन में ग्वार की प्रमुख फसल है। जिले में प्रत्येक वर्ष 5 से 8 हजार हेक्टेयर में ग्वार की खेती की जाती है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उचित समय पर बिजाई, संतुलित खाद करके और अनावश्यक खरपतवार नाशक दवा प्रयोग न करके अधिक पैदावार ले सकते है। खेती की पुरानी पद्धति छोड़कर नयी तकनीक अपनाकर खेती करने पर विशेष जोर दिया और उन्होंने किसानों को कहा कि कृषि वैज्ञानिकों व अधिकारियों के संपर्क में रहे जिससे उनको आधुनिक तकनीक की जानकारी मिलती रहे। कोई भी बीज व दवाई खरीदते समय किसान विक्रेता से पक्का बिल अवश्य लें।
------------------------
उन्नत किस्मों के साथ करे बीज उपचार :
किसान ग्वार की खेती में ग्वार की उन्नत किस्मों एचजी 365, एचजी 563 व ग्वार की नयी किस्म एचजी 2-20 बोए। बिजाई से एक दिन पहले 6 लीटर पानी में 6 ग्राम स्ट्रेपटोसय्कि्लन घोलें। एचजी 2-20 को इस घोल में 10 मिनट तक तथा एचजी 365 व एचजी 563 को 20-25 मिनट तक भिगो कर निकाल लें और बीज को छाया में सूखा दें व इस बीज को सारी रात सूखने दें। इस पूरी तरह सुखी हुए बीज को बिजाई से पहले 2 ग्राम कार्बेन्डाजियम को प्रति किलोग्राम बीज की दर से सूखा उपचारित करने की बाद ही बिजाई करें। बीज उपचार करने से करीबन एक से डेढ़ क्विटल प्रति एकड़ अधिक पैदावार ली जा सकती है। बीज उपचार करने में मात्रा 100 रुपये प्रति एकड़ खर्चा आता है। जड़ गलन को ग्वार फसल की एक मुख्य बीमारी होती है जो पैदावार को 30 से 60 प्रतिशत तक प्रभावित करती है। बीज उपचार करने से उखेड़ा व जड़ गलन सहित अन्य बीमारी पर 80 से 90 प्रतिशत तक काबू पाया जा सकता है।
---------------------
समय से पहले ग्वार की बिजाई न करें। किसान ग्वार की बिजाई 10 जून के बाद शुरू करे। अगेती बिजाई करने से फसल की बढ़वार ज्यादा हो जाएगी और फसल गिरने का डर भी ज्यादा रहेगा और फल भी कम आएगा तथा पैदावार पर भी विपरीत असर पड़ेगा।
डा. सरदूल मान
समन्वयक कृषि विभाग केंद्र फतेहाबाद
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।