Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Haryana News: घग्गर में जलस्तर घटने से किसानों ने ली राहत की सांस, नदी किनारे तीन दिनों तक होगा अखंड पाठ

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 05:11 PM (IST)

    जाखल में घग्गर नदी का जलस्तर बढ़ने से किसानों की चिंता बढ़ गई थी। सामूहिक प्रयासों और प्रार्थनाओं के बाद जलस्तर घटने से किसानों ने राहत की सांस ली। किसानों ने गुरुद्वारों में अरदास की और तटबंधों को मजबूत किया। किसान नेता लाभ सिंह ने किसानों की एकजुटता की सराहना की। प्रशासन ने भी ग्रामीणों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। वर्तमान में जलस्तर नियंत्रण में है।

    Hero Image
    घग्घर में जलस्तर घटा, किसानों ने किया शुक्राना। फोटो जागरण

    संवाद सूत्र, जाखल। शिवालिक की पहाड़ियों में हुई भारी बरसात से पिछले दिनों घग्गर नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा था। जलस्तर में तेजी से आई इस बढ़ोतरी ने किसानों और ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी थी। हालात ऐसे बने कि किसानों को दिन-रात नदी के किनारे तटबंधों पर पहरा देना पड़ा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं अब नदी के जलस्तर में कमी आने से किसानों और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। किसानों ने वाहेगुरु का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उनकी सामूहिक मेहनत और अरदास रंग लाई है। किसानों का कहना है कि जलस्तर में बढ़ोतरी के दौरान क्षेत्र के गुरुद्वारों में लगातार अरदास की जाती रही।

    चांदपुरा सायफन पर जब जलस्तर 15 हजार क्यूसेक से ऊपर पहुंच गया था, तब लोगों में भय का माहौल था। गांव-गांव से किसान एकजुट होकर तटबंध मजबूत करने में जुटे थे। रविवार को कासिमपुर गुरुद्वारा साहिब में हुई बैठक में किसानों ने सामूहिक रूप से निर्णय लिया कि 3 से 5 अक्टूबर तक घग्घर नदी किनारे श्री अखंड पाठ साहिब का आयोजन किया जाएगा।

    किसानों ने जताई कृतज्ञता

    बैठक की अध्यक्षता किसान नेता लाभ सिंह ने की। उन्होंने कहा कि नदी का जलस्तर घटने के साथ ही लोगों ने राहत की सांस ली है। नसीब सिंह, बलकार सिंह, जंटा सिंह, सुखदेव सिंह, काला मनजीत सहित बड़ी संख्या में किसानों ने बैठक में हिस्सा लिया।

    सभी ने एक स्वर में सहमति जताई कि अखंड पाठ का आयोजन परमात्मा के आशीर्वाद और घग्घर नदी के शांत होने पर कृतज्ञता स्वरूप किया जाए।

    किसानों ने कहा कि बीते दिनों उन्होंने लगातार तटबंधों पर पहरा दिया, मिट्टी के बोरों से बांध को मजबूत किया और पानी की हर गतिविधि पर नज़र रखी। अब जब हालात सामान्य हुए हैं तो यह परमात्मा की कृपा और ग्रामीणों की एकजुटता का परिणाम है।

    अब जाने ये है स्थिति

    गुल्हाचीका : 31,668 क्यूसेक (17.3 फुट)

    खनौरी : 12,900 क्यूसेक

    चांदपुरा साइफन (जाखल) : 14,400 क्यूसेक (7.4 फुट)

    प्रशासन ने लोगों का जताया आभार

    नहर विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारी लगातार क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी संसाधन तैयार रखे गए हैं। तटबंधों पर नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर ग्रामीणों की मदद से तुरंत मरम्मत की जाएगी।

    अधिकारियों ने कहा कि ग्रामीणों का सहयोग सराहनीय है। उनके समय पर किए गए प्रयासों से स्थिति संभल गई। अब जबकि जलस्तर घट चुका है, बाढ़ का खतरा टल गया है, लेकिन पूरी सावधानी बरती जा रही है।