हरियाणा के फतेहाबाद में साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़, पुलिस ने छह लोग किए गिरफ्तार
फतेहाबाद पुलिस ने एक अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये गिरोह राजस्थान हरियाणा दिल्ली मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में सक्रिय था। इन्होंने लोगों को इंटरनेट मीडिया और फर्जी ऐप के जरिए ठगी का शिकार बनाया। पुलिस ने आरोपियों के पास से लैपटॉप मोबाइल फोन और अन्य उपकरण बरामद किए हैं।

जागरण संवाददाता, फतेहाबाद। साइबर पुलिस टीम ने अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश करते हुए राजस्थान के भीलवाड़ा से छह शातिर आरोपिताें को काबू किया है। पुलिस ने उनके कब्जे से तीन लेपटाप, एक टैबलेट, 28 मोबाइल फोन, फर्जी दस्तावेज व अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण बरामद किए हैं।
पकड़े गए आरोपितों की पहचान भीलवाड़ा के वार्ड 36 निवासी अविनाश खोइवाल, राजस्थान के चितौड़गढ़ के जवसिया निवासी मनोज, भीलवाड़ा के दांतड़ा निवासी भेरूलाल खटीक, भीलवाड़ा के तिलकनगर निवासी आकाश चावला, मंगरोप निवासी अंकित और चितौड़गढ़ के सडाश निवासी चिराग के रूप में हुई है।
ये सभी मिलकर राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश सहित कई राज्यों में सक्रिय रहकर संगठित साइबर ठगी को अंजाम दे रहे थे।
शिकायत पर खुला राज
सहायक पुलिस अधीक्षक दिव्यांशी सिंगला ने बताया कि गांव जापतेवाला निवासी बलजीत सिंह ने 26 अप्रैल 2025 को थाना सदर टोहाना में शिकायत दी थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि एक अज्ञात शख्स ने खुद को उसका परिचित मास्टर बताकर नया नंबर दिया और भरोसे में लेकर कहा कि वह उसके खाते में 20 हजार रुपये भेज रहा है।
इसके बाद आरोपित ने 15 हजार व 50 हजार के फर्जी मैसेज भेजकर उसके साथ ठगी कर ली। शिकायत पर थाना सदर टोहाना में बीएनएस की धारा के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
पुलिस जांच से पता चला कि गिरोह के सदस्य इंटरनेट मीडिया, काल और मैसेज के जरिए लोगों से संपर्क साधते थे। फिर खुद को परिचित बताकर विश्वास अर्जित करते और विभिन्न बहानों से बैंक खाता नंबर, ओटीपी या अन्य संवेदनशील जानकारी हासिल कर लेते। इंटरनेट मीडिया के सहारे पहले उसकी रिश्तेदारी ढूंढते थे।
इसके बाद पीड़ितों के खातों से पैसे गायब कर दिए जाते। साथ ही गिरोह के लोग फर्जी गेंबलिंग ऐप फेयरप्ले और मेफेयर के जरिए भी ठगी का जाल फैला रहे थे। इन एप के जरिए आम लोगों को दोगुना पैसा कमाने का झांसा देकर फंसाया जाता था।
ट्रेकिंग से पकड़े गए आरोपित
मामले की जांच साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक राहुल कुमार के नेतृत्व में उपनिरीक्षक कृष्ण कुमार, मंगल सिंह और रजत कुमार की टीम ने की।
टीम ने तकनीकी विश्लेषण और डिजिटल ट्रेकिंग के जरिए आरोपितों का लोकेशन ट्रेस किया और भीलवाड़ा में दबिश देकर छहों को काबू कर लिया। जिस एप के माध्यम से धोखाधड़ी की गई थी उसका पता लगाया और उसके अंदर जो मोबाइल नंबर थे उसकी लोकेशन से टीम वहां पर पहुंच गई।
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