मेरी शोकसभा में आए, इसके लिए आभार जताता हूं..
उपेन्द्र गोस्वामी, रतिया
शोकसभा में मौत पर मातम मनाने पहुंचे लोगों को तब हैरानी हुई जब मृतक ने खुद शोकसभा में पहुंचने के लिए उपस्थित लोगों का आभार जताया। शोकसभा में आठ मिनट तक मृतक ने उपस्थित लोगों को अपनी वाणी से संबोधित भी किया।
घटना पंजाब के मानसा की है जहां पर 75 वर्षीय रामचन्द्र मिढ़ा की शोकसभा में बड़ी संख्या में उपस्थित हुए। रामचन्द्र मिढ़ा की 12 अगस्त को मौत हो गई और 22 अगस्त को एक धर्मशाला में शोकसभा रखी गई। सभा में भजन-कीर्तन के बाद अचानक रामचन्द्र मिढ़ा की आवाज गूंजने लगी। शुरूआत कुछ इस तरह हुई मेरी शोकसभा में आए सभी लोगों का धन्यवाद, मैं आपके बीच नहीं हूं। मेरी आत्मा रूपी आंखें आपको देख रही हैं। आप मेरी शोकसभा में आए इसके लिए आभार व्यक्त करता हूं। इसके बाद उन्होंने कहा कि पूरे परिवार को एक बाग की तरह संजोकर रखा है। मेरे बच्चों ने मेरी भरपूर सेवा की है। मेरे पिता से लेकर पड़पोतों तक एक ही छत के नीचे रहे हैं और इकट्ठे रहने की मिसाल पेश की है। दुनिया में जो आया है उसे जाना है। सफर तो सफर है मेरा इंतजार मत करना शोक सभा में आए धन्यवाद करता हूं। रामचन्द्र के नाती श्याम आनंद ने बताया कि उसके नाना ने मरने से 15 दिन पहले अपने परम मित्र सरदार मोहन सिंह से विचार सांझे करते हुए आडियो कैसेट में अपनी वाणी को रिकार्ड करवाया और उनकी शोक सभा से पहले सरदार मोहन सिंह ने उनके बड़े बेटे मदन वधवा को जानकारी दी और बताया कि उनके पिता शोकसभा को लेकर अपनी रिकार्डिग तैयार करवा चुके थे। ताकि मरने के बाद इसे शोक सभा में सुनाया जा सके।
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