Delhi Blast Case: बेटे के इलाज के लिए पैसे और घंटों बातें, आतंकी डॉक्टर और इमाम के गहरे रिश्ते उजागर
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की जांच में आतंकी डॉ. मुजम्मिल और सिरोही मस्जिद के इमाम के बीच गहरे रिश्ते उजागर हुए हैं। मुजम्मिल अक्सर इमाम से मिलने जाता था और उसने इमाम के बेटे के इलाज के लिए पैसे भी दिए थे। पुलिस अब इमाम के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की आशंका की जांच कर रही है। इमाम के फोन कॉल और बैंक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की जांच में आतंकी डॉ. मुजम्मिल और सिरोही मस्जिद के इमाम के बीच गहरे रिश्ते उजागर हुए हैं।
दीपक पांडे, फरीदाबाद। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए सिरोही मस्जिद के इमाम और सफेदपोश आतंकी के तौर पर गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल के बीच करीबी रिश्ते सामने आए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मुजम्मिल अक्सर मस्जिद में इमाम से मिलने जाता था और दोनों घंटों बातें करते थे। इसी नजदीकी के चलते इमाम पुलिस की नजर में आया।
यह भी पता चला है कि डॉ. मुजम्मिल ने इमाम को अपने बेटे के इलाज के लिए पैसे दिए थे। आतंकी घटना में उसकी संलिप्तता की जांच की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि इमाम के फोन कॉल डिटेल की जांच की जा रही है और उसके बैंक खातों की जानकारी भी जुटाई जा रही है। आशंका है कि डॉ. मुजम्मिल ने इमाम के इलाज के अलावा अन्य तरीकों से भी उसकी आर्थिक मदद की होगी।
इसलिए, इमाम के खाते की बैलेंस शीट की जांच की जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि पिछले एक साल में इमाम के खाते में कितनी रकम ट्रांसफर हुई और यह रकम कहां से आई। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय परिसर स्थित मस्जिद के इमाम इश्तियाक को पुलिस ने 13 नवंबर को गिरफ्तार किया था।
डॉक्टर ने फतेहपुर तगा स्थित उसी इमाम के घर में एक कमरा किराए पर लिया था और 2523 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया था। इसके बाद, जैसे-जैसे जाँच एजेंसी ने अपनी जाँच आगे बढ़ाई, सिरोही गाँव की मस्जिद के इमाम से डॉ. मुज़म्मिल के संबंध उजागर हुए। शुक्रवार देर रात दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सिरोही के इमाम इमामुद्दीन को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। उसे रविवार देर शाम तक रिहा नहीं किया गया।
नमाज के बहाने मस्जिद जाता था
सूत्रों के अनुसार, आतंकवादी मुज़म्मिल एक साल से नमाज़ के बहाने इमाम से मिलने आ रहा था। धीरे-धीरे उसने इमाम के परिवार का इलाज करके उनका विश्वास जीत लिया। इससे दोनों के बीच घनिष्ठ संबंध बन गए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मस्जिद के अलावा, इमाम साल में तीन-चार बार आतंकवादी डॉक्टर से उसके घर पर भी मिलता था।
यह भी पता चला है कि मुज़म्मिल ने अस्पताल में इमाम के बेटे का पैर का ऑपरेशन किया था। दोनों के बीच पैसे का लेन-देन भी हुआ था। इमाम के बेटे मोहम्मद जुनैद से बात करने पर पता चला कि मुज़म्मिल ने इमाम को पैसे दिए थे। जुनैद के अनुसार, उसके पिता ने मुज़म्मिल द्वारा इलाज के लिए लिए गए पैसे वापस कर दिए थे। मुज़म्मिल ने इसके अलावा कोई और लेन-देन नहीं किया था।

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