Save Aravalli: अरावली की नई परिभाषा का विरोध, सेव अरावली ट्रस्ट ने शुरू किया ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान
सेव अरावली ट्रस्ट ने अरावली की नई परिभाषा का विरोध करते हुए ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य अरावली पर्वत श्रृंखला के संरक् ...और पढ़ें

सेव अरावली ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने शुरू किया आनलाइन हस्ताक्षर अभियान।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। अरावली की नई परिभाषा को लेकर विरोध हो रहा है। सेव अरावली ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने आनलाइन हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया है। पदाधिकारी बड़ी संख्या में डिजिटली हस्ताक्षर करवाने का दावा कर रहे हैं।
सोमवार को विरोध स्वरूप ज्ञापन जिला उपायुक्त को दिया जाएगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में याचिका दायर करने की तैयारी की जा रही है। सेव अरावली ट्रस्ट के पदाधिकारी जितेंद्र भड़ाना ने बताया कि नई परिभाषा से अरावली पर्वतमाला के अधिकांश हिस्से नष्ट हो जाने का खतरा बढ़ गया है।
इससे कई पर्यावरणीय खतरे पैदा हो जाएंगे। साफ हवा और प्रदूषण से मुक्ति के लिए अरावली आवश्यक है। इस निर्णय पर पुनर्विचार जरूरी है। उन्होंने बताया कि सरकार ने अरावली पर्वतमाला के तहत उन्हीं पर्वतों को शामिल करने की बात कही है, जिनकी ऊंचाई कम से कम सौ मीटर है।
अरावली में बहुत से पर्वत हैं जिनकी ऊंचाई सौ मीटर से कम हैं। उन्होंने इसे वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक जंगल का मुद्दा नहीं, बल्कि यह लाखों लोगों के लिए जलवायु सुरक्षा का मुद्दा है।
अरावली यात्रा में शामिल हुए लोग
अरावली का महत्व बताने के लिए सेव अरावली ट्रस्ट द्वारा रविवार को अरावली यात्रा की गई। इसमें शहर के काफी लोग शामिल हुए। एडवोकेट कैलाश बिधुड़ी ने बताया कि यात्रा के दौरान अरावली पहाड़ी के कई किलोमीटर अंदर तक पैदल गए।
इस दौरान प्राकृतिक सौंदर्य को देखा। महसूस किया कि अरावली सभी के लिए कितनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि अरावली की नई परिभाषा को स्वीकार नहीं किया जाएगा। हर हालत में इसका विरोध करेंगे।

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