विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर करें पूर्वजों को नमन : स्वामी धर्मदेव
देश जब आजाद हुआ तब जहां एक ओर खुशी थी वहीं देश बंटवारे का दंश भी झेलना पड़ा। ब्रिटिश हुकूमत ने आजादी देने से पूर्व देश को दो हिस्सों में बांट दिया।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : देश जब आजाद हुआ, तब जहां एक ओर खुशी थी, वहीं देश बंटवारे का दंश भी झेलना पड़ा। ब्रिटिश हुकूमत ने आजादी देने से पूर्व देश को दो हिस्सों में बांट दिया। पाकिस्तान के नाम से बने नए देश में लाखों हिदू-सिखों को विभाजन की विभीषिका का सामना करना पड़ा। इसमें असंख्य लोगों को कुर्बान होना पड़ा। विभाजन की विभीषिका में बलिदान देने वालों को स्मृति में पंचनद स्मारक ट्रस्ट की ओर से 14 अगस्त-2022 को कुरुक्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे।
इसी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित करने के उद्देश्य से ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी धर्मदेव पटौदी वाले, प्रदेशाध्यक्ष व विधायक सुभाष सुधा, महासचिव सुरेंद्र गुलाटी रविवार को एनआइटी नंबर तीन में पधारे। बैठक में विधायक राजेश नागर, निवर्तमान मेयर सुमन बाला, संयोजक पंचनद स्मारक स्मृति के जिलाध्यक्ष व निवर्तमान पार्षद मनोज नासवा, महाबीर दल मंदिर नंबर दो के चेयरमैन श्याम सुंदर मुथरेजा, प्रधान सुशील मेहंदीरत्ता व महासचिव श्याम सुंदर तनेजा सहित बड़ी संख्या में शहरवासी उपस्थित थे। स्वामी धर्मदेव ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2021 को देश की आजादी के समय पंजाबियों के बलिदान को याद कर इस दिन को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया है। अब 14 अगस्त को कुरुक्षेत्र में होने वाले सम्मेलन में सभी अपने परिवार के साथ शामिल होकर अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि दें। मंच संचालन करते हुए राजकुमार वोहरा ने किया। मनोज नासवा ने कहा कि एनआइटी में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस 12 अगस्त को शाम साढ़े चार बजे, भगत सिंह चौक पर आयोजित होगा। इस मौके पर मुख्य रूप से केंद्रीय राज्य मंत्री के कार्यालय सचिव डा. कौशल बाठला, आरडब्ल्यूए तीन-डी के प्रधान यशपाल जयसिंह, तीन-सी ब्लाक के प्रधान सतीश फागना, हरियाणा व्यापार मंडल के जिला प्रधान राम जुनेजा, भाजपा नेता अमित आहूजा, पंडित सुरेंद्र शर्मा, लक्ष्मन दास खत्री, परमजीत सिंह, सतपाल सिंह, गौरव कथूरिया, सरला विरमानी, संजय मक्कड़, परविदर सिंह, कविद्र फागना, राम गेरा, युधिष्ठिर खत्री, सतीश खत्री व राजेंद्र दुआ मौजूद थे।
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