Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Haryana News: 253.28 करोड़ का बजट, 25 लाख लोगों को सीधे फायदा; सरकार का यह खास प्लान तैयार

    By Parveen Kaushik Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Mon, 05 May 2025 03:34 PM (IST)

    फरीदाबाद के बड़खल और एनआईटी क्षेत्र में अब पानी की किल्लत नहीं होगी। यमुना नदी से सीधे इन क्षेत्रों तक बरसाती पानी पहुंचाने के लिए नई पाइपलाइन बिछाई ज ...और पढ़ें

    Hero Image
    यमुना से सीधे पहुंचेगा बड़खल-एनआइटी तक पानी। फाइल फोटो

    प्रवीण कौशिक, फरीदाबाद। बड़खल व एनआइटी क्षेत्र में रहने वाले लोगों को पेयजल किल्लत से राहत मिलेगी। यमुना नदी से दोनों विधानसभा क्षेत्रों के बूस्टरों तक सीधी बरसाती पानी की लाइन बिछाई जाएगी। इस लाइन के बीच में कोई कनेक्शन नहीं दिया जाएगा। इससे पानी की छेड़छाड़ भी रुकेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अरावली पहाड़ी की तलहटी में बसे सेक्टरों, सोसायटियों, गांवों, कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को भरपूर पेयजल मिल सकेगा। इसके लिए नदी किनारे पांच बरसाती पानी के कुएं लगाए जाएंगे। साथ ही यहां से 40 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जाएगी। बीच में पड़ने वाली नहरों, एक्सप्रेस-वे, हाईवे व अन्य सड़कों के नीचे से बरसाती पानी की लाइन निकाली जाएगी। नए बूस्टिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे।

    इस पूरे कार्य को करने के लिए 253.28 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हुआ है। इससे 50 एमएलडी पानी की आपूर्ति बढ़ेगी, जिससे पांच लाख लोगों को राहत मिलेगी। फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण इस प्रोजेक्ट पर काम करेगा। प्राधिकरण जल्द ही बजरी-गाजीपुर में नगर निगम की पांच एकड़ जमीन भी अपने कब्जे में ले लेगा। इस जमीन पर इंटरमीडिएट बूस्टिंग स्टेशन बनाया जाएगा। जहां पर बरसाती पानी को स्टोर किया जा सके।

    शहर में पेयजल आपूर्ति की मांग 450 एमएलडी है और आपूर्ति 330 एमएलडी है। नगर निगम और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के कुल 22 रेनीवेल को एफएमडीए ने अपने अधीन ले रखा है। बूस्टर से पानी पहुंचाने का काम एफएमडीए का है। बूस्टर से शहर को पेयजल आपूर्ति करने की जिम्मेदारी नगर निगम की है।

    यहां तक पहुंचेगा पानी

    यमुना नदी मोठूका में बन रहे रेन वाटर वेल से सेक्टर 25 स्थित बूस्टर तक रेन वाटर लाइन बिछाई जाएगी। यह दूरी करीब 20 किलोमीटर है। इससे एनआईटी के पेयजल किल्लत वाले क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति होगी। इस बूस्टर से 15 से 20 एमएलडी पानी की आपूर्ति बढ़ जाएगी।

    इसके अलावा ददसिया से बूस्टर तक एक और लाइन बिछाई जाएगी जो पहाड़ी क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति करती है। इसकी दूरी करीब 30 किलोमीटर है। यहां भी 15 एमएलडी से अधिक पानी बढ़ जाएगा।

    बताना जरूरी है कि फिलहाल रेन वाटर लाइन के जरिए पेयजल आपूर्ति की जा रही है लेकिन अधिकारी चाहते हैं कि अलग से लाइन बिछाई जाए ताकि यमुना नदी के किनारे बन रहे रेन वाटर वेल का पानी शहर के अंतिम छोर यानी अरावली पहाड़ी और एनआईटी तक पहुंच सके। इससे बीच में पेयजल आपूर्ति में भेदभाव खत्म हो जाएगा।

    20 साल तक मिलेगा भरपूर पानी

    रेन वेल लगाने से पहले यह देखा गया कि भूजल स्तर 30 से 35 मीटर होना चाहिए। यह भी देखना होगा कि नीचे पर्याप्त पानी है या नहीं। ताकि कम से कम 20 साल या उससे अधिक समय तक पानी उपलब्ध हो सके।

    शहर में पानी की है कमी

    शहर में इस समय पेयजल की किल्लत बनी हुई है। मांग और आपूर्ति में भारी अंतर के कारण शहर की बड़ी आबादी टैंकरों के पानी पर निर्भर है। नगर निगम की ओर से टैंकर उपलब्ध नहीं कराए जाते। लोगों को अपने स्तर पर ही व्यवस्था करनी पड़ती है। सबसे ज्यादा समस्या अरावली पहाड़ियों के आसपास और एनआईटी क्षेत्र में है।

    पेयजल के मुद्दे पर जनप्रतिनिधि भी आमने-सामने आ जाते हैं। पेयजल आपूर्ति को लेकर भेदभाव के आरोप भी लगते रहते हैं। इसलिए सरकार ने इस योजना को मंजूरी देकर लोगों को बड़ी राहत दी है। परियोजना के पहले चरण का काम अगले साल पूरा होने की उम्मीद है।

    इन प्वाइंट्स में समझिए जरूरत और मांग

    • शहर की जनसंख्या - 25 लाख से अधिक
    • पानी की मांग- 450 एमएलडी
    • आपूर्ति- 330 एमएलडी
    • अंतर - 120 एमएलडी
    • रेनीवेल- 22
    • कितने रेनीवेल और लगाए जा रहे हैं-12
    • ट्यूबवेल- 1700
    • प्रति व्यक्ति जरूरत-135 लीटर प्रतिदिन

    रेन वाटर, बूस्टिंग स्टेशन और रेन वाटर लाइन बिछाने के लिए बजट मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृत कर दिया गया है। अब हम इस योजना के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू करेंगे। जल्द ही काम शुरू हो जाएगा।

    - विशाल बंसल, चीफ इंजीनियर, एफएमडीए

    यह भी पढ़ें: Faridabad में बड़े एक्शन की तैयारी, धड़ाधड़ टूटेंगे अवैध आशियाने; CM नायब सिंह सैनी ने दिया ये आदेश