बसंतपुर गांव में घुसा यमुना नदी का पाना, बाढ़ ने किया बेघर, लोग भूखे-प्यासे बैठे सड़क पर Faridabad News
बसंतपुर गांव के कई लोगों ने बताया कि उन्हें मंगलवार से खाना नसीब नहीं हुआ है। हालांकि प्रशासन ने कहा कि इसकी व्यवस्था कराई जा रही है।
फरीदाबाद [प्रवीन कौशिक]। बुधवार दोपहर 12.15 बजे यमुना नदी पूरे उफान पर है, पानी तेजी से बसंतपुर कॉलोनियों के घरों में प्रवेश कर रहा है। जैसे-जैसे जलस्तर बढ़ रहा है, यहां रहने वालों की धड़कने भी तेज हो रही हैं। बच्चे, बुजुर्ग व महिलाएं घरों से सामान निकालकर किनारों पर ला रहे हैं। सड़क किनारे खड़े बच्चे भूख-प्यास से व्याकुल सरकारी गाड़ी को देखते ही उम्मीद के साथ खड़े हो जाते हैं।
यमुना के इस रूप को देखने कुछ लोग बाहर से आए हैं तो अधिकारियों व कर्मचारियों का भी जमावड़ा लगा हुआ है। कुछ इस तरह के हालात दिखाई दे रहे हैं यमुना नदी किनारे बसे बसंतपुर गांव में। गांव की हद के बाद दिल्ली शुरू हो जाती है। दैनिक जागरण संवाददाता ने इस गांव में अवैध रूप से बसाई गई कॉलोनियों में बाढ़ प्रभावित लोगों से उनके हालात जाने। यहां लोगों के अंदर प्रशासन के प्रति काफी रोष दिखाई दिया। बड़ी संख्या में लोग ऐसे थे, जिन्हें मंगलवार से खाना नसीब नहीं हुआ है।
मंगलवार रात करीब 10 बजे सरकारी गाड़ी आई तो जरूर, पर कुछ पैकेट बांट खानापूर्ति कर वापस चली गई। यहां लोगों के लिए न तो टेंट की व्यवस्था की गई है और न ही दोपहर तक कोई चिकित्सा की। हां इतना जरूर है एसडीएम सतबीर मान, सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता वीएस रावत जरूर मौके पर थे, पर जब उनसे पूछा गया कि यहां लोग भूखे-प्यासे हैं तो उन्होंने यही कहा कि बेहतर इंतजाम किए जा रहे हैं, खाना भी बनवाया है। उन्होंने कहा सेहतपुर और अगवानपुर के सरकारी स्कूलों में इंतजाम किए हैं, पर वहां लोग नहीं पहुंच रहे हैं।
दोपहर करीब 2 बजे पुस्ता किनारे टेंट लगाने के लिए एक गाड़ी आई थी। प्लांट बंद कर गायब हुआ संचालक बुधवार दोपहर को बाढ़ के बाद लोग सड़क किनारे धूप में पड़े हुए थे। रहीमुद्दीन और अनवरी ने बताया कि यहां पानी का प्लांट चलता है, पर बुधवार को वह इसे बंद कर कहीं चला गया है। अब उनके सामने पानी की समस्या खड़ी हो गई है। यहां दुकानों पर भी पानी की बोतलें नहीं बची हैं। प्रशासन की ओर से पानी की व्यवस्था नहीं की गई है। अब कोस रहे डीलरों को यहां रहने वाले लोग अधिकारियों के साथ-साथ प्रॉपर्टी डीलरों को भी कोसते नजर आए। पवन ने बताया कि लोगों को झांसा देकर यहां प्लॉटिंग की गई थी। उन्हें नहीं पता था कि यहां तक यमुना नदी का पानी भी आ जाएगा।
डीलरों ने दिल्ली के नजदीक बेस्ट लोकेशन बताई थी, इसलिए हजारों मकान बन गए हैं। अब जब कभी बाढ़ आती है तो उनके मकानों में पानी भर जाता है। विधायक पहुंचे हालात जानने यहां हालात जानने के लिए तिगांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेसी विधायक ललित नागर भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि हजारों परिवार बेघर हो गए है। इनके घरों में 10 फुट तक पानी भर गया। किसी के मकान की छत गिर गई तो किसी की दीवार। उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था न होने के कारण हजारों लोगों का जीवन संकट में आ गया है। खाने-पीने सहित महिलाएं के शौच करने की भी प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की है।
विधायक ने मौके पर ही जिला उपायुक्त अतुल कुमार द्विवेदी को वास्तुस्थिति से अवगत कराते हुए राहत सामग्री उपलब्ध कराने के लिए कहा। विधायक ने आरोप लगाया कि हजारों लोगों के बीच मात्र 100 प्लेट खाना भिजवाकर प्रशासन खानापूर्ति कर रहा है। मंगलवार रात से हमें और बच्चों को खाना नसीब नहीं हो सका है। यहां प्रशासन की ओर से पानी का भी इंतजाम नहीं किया गया है। बच्चे बार-बार दुकान से खरीदकर पानी पीने को मजबूर हैं।