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    अब साल में दो बार लगेगा सूरजकुंड मेला, बदला होगा इसका स्वरूप; स्थानीय शिल्पकारों को दी जाएगी प्राथमिकता

    Updated: Mon, 17 Mar 2025 07:40 PM (IST)

    अब साल में दो बार सूरजकुंड मेला लगेगा। दिवाली के दौरान लगने वाला यह मेला सात से 10 दिन तक चलेगा। इस बार मेले का स्वरूप अलग होगा स्थानीय शिल्पियों और कलाकारों को प्राथमिकता दी जाएगी। दिल्ली और हरियाणा के कलाकारों को मंच प्रदान किया जाएगा और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा। इस बार 23 फरवरी तक 38वें सूरजकुंड मेले का आयोजन हुआ था।

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    अब फिर से साल में दो बार सूरजकुंड मेले का आयोजन किया जाएगा।

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। अब वर्ष में दो बार सूरजकुंड मेले का आयोजन किया जाएगा। दीवाली के दौरान लगने वाला यह मेला सात से 10 दिन तक चलेगा। इस दौरान दिल्ली एनसीआर और हरियाणा के कलाकारों को मंच प्रदान किया जाएगा। साथ ही स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा।

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    प्रदेश सरकार ने मेले के आयोजन को लेकर बजट में प्रावधान किया है। वैसे हरियाणा पर्यटन निगम की ओर से वर्ष 2023 में तीन से 10 नवंबर तक दीवाली मेले का आयोजन किया गया था। किन्हीं कारणों से 2024 में दीवाली मेला नहीं लग पाया था। अब फिर से वर्ष में दो बार मेले के आयोजन की घोषणा की गई है।

    दिवाली मेले का इस बार स्वरूप अलग होगा

    बता दें कि इस वर्ष सात से 23 फरवरी तक 38वां सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला का आयोजन किया गया था। इस बार लगने वाले दीवाली मेले का स्वरूप कुछ अलग होगा। इस मेले में स्थानीय शिल्पियों और कलाकारों को प्राथमिकता दी जाएगी। सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में देश-विदेश के शिल्पियों और कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है।

    उच्च अधिकारियों के जैसे आदेश आएंगे। उसके अनुरूप मेले की तैयारी की जाएगी। हमारी कोशिश रहेगी कि दिल्ली और हरियाणा के शिल्पियों काे बेहतर मौका दें। -यूएस भारद्वाज, नोडल अधिकारी, सूरजकुंड मेला

    पर्यटन और कला-संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मेले जैसे आयोजन किए जाने चाहिए। विभाग के अधिकारी जिले के कलाकारों को प्रमुखता से मंच प्रदान करेंगे तो उन्हें प्रोत्साहन मिलेगा। -भार्गवी सुदर्शन, निदेशिका, कथावाचन संस्था, सेक्टर-21सी

    कई मायनों में अलग था इस बार सूरजकुंड मेला

    फरवरी में आयोजित सूरजकुंड मेला कई मायनों में अलग था। इससे पहले, सिर्फ एक राज्य को 'थीम स्टेट' और एक देश को 'भागीदारी देश' बनाया जाता था, लेकिन इस साल पहली बार मेले में दो राज्यों-ओडिशा और मध्यप्रदेश को 'थीम स्टेट' बनाया गया था। वहीं, सात देशों के संगठन 'बिम्सटेक' को भागीदार बनाया गया था। बता दें, बिम्सटेक में भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड और श्रीलंका शामिल हैं। 

    42 देशों के 648 हुनरमंद शिल्पकार पहुंचे थे

    इस बार 38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में 42 देशों के 648 हुनरमंद पहुंचे थे। हरियाणा पर्यटन निगम की ओर से आयोजित यह मेला 23 फरवरी तक चला था। मेले के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने अपने मोबाइल एप्लीकेशन और मेट्रो स्टेशन पर सूरजकुंड मेले की टिकट की बिक्री शुरू की थी। 

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