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    Surajkund Mela 2025: विदेशी कलाकार जीत रहे पर्यटकों का दिल, इन चार मंचों पर महा धमाल

    Updated: Mon, 17 Feb 2025 05:35 PM (IST)

    सूरजकुंड मेला एक अनोखा और आकर्षक मेला है जो शिल्पकारों और कलाकारों को एक मंच प्रदान करता है। इस बार मेले में चार मंच हैं जहां देश-विदेश के कलाकार अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं। मुख्य चौपाल पर विदेशी कलाकार अपनी वेशभूषा में अपने-अपने देश की संस्कृति और पारंपरिक नृत्य गायन और वादन से पर्यटकों का मनोरंजन कर रहे हैं। आगे विस्तार से पढ़िए पूरी खबर।

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    प्रस्तुति से देश-विदेश के कलाकार पर्यटकों का दिल जीत रहे हैं। जागरण फोटो

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। 38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में विभिन्न चौपालों पर देश-विदेश के कलाकार रंग जमा रहे हैं। सांस्कृतिक मंच के जरिए विश्व में सूरजकुंड मेले की अलग ही पहचान बन रही है। मेले में एक साथ चार मंचों पर अपनी प्रस्तुति से देश-विदेश के कलाकार पर्यटकों का दिल जीत रहे हैं।

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    मेला जहां शिल्पकारों के हुनर को विश्व भर में नई पहचान दे रहा है, वहीं शिक्षण संस्थानों से लेकर देश-विदेश के कलाकारों को सांस्कृतिक मंच भी प्रदान कर रहा है। इस मेले में जहां मेगा चौपाल से शाम के समय विख्यात कलाकार बड़ा धमाल मचा रहे हैं।

    ऐसे ही मुख्य चौपाल पर विभिन्न देशों और राज्यों के लोक कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से पर्यटकों को अपनी संस्कृति और विरासत से रूबरू करवा रहे हैं। छोटी चौपाल और नाट्यशाला में भी दिनभर मनमोहक सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित करवाई जा रही हैं। इस बार नाट्यशाला में नन्हें कलाकारों को मंच प्रदान किया गया है।

    चार मंचों पर महा धमाल

    मेला परिसर में चार मंच हैं। पहली मुख्य चौपाल पर सुबह से शाम तक कार्यक्रम हो रहे हैं। दूसरी मेगा चौपाल पर सांस्कृतिक संध्या और तीसरी चौपाल पर हरियाणा, पंजाब के कलाकार रंग जमाते हैं। इसी तरह नाट्यशाला में स्कूलों बच्चों के कार्यक्रम होते हैं। पर्यटक देर रात तक कार्यक्रम का मजा लेते हैं।

    मुख्य चौपाल पर विदेशी कलाकार जमा रहे रंग

    मेला परिसर में मुख्य चौपाल पर सुबह से शुरू होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम देर शाम तक आयोजित होते रहते हैं। इस मंच से विदेशी कलाकार अपनी वेशभूषा में अपने-अपने देश की संस्कृति और पारंपरिक नृत्य, गायन और वादन से पर्यटकों का मनोरंजन करते हैं। मेले के थीम स्टेट ओडिशा और मध्य प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों के कलाकारों के कार्यक्रम भी पर्यटकों को लुभा रहे हैं।

    हरियाणवी कलाकारों का धमाल

    बात छोटी चौपाल की करें तो यह हरियाणवी कलाकार शानदार प्रस्तुति से धमाल मचा रहे हैं। इस चौपाल पर हरियाणवी कलाकार पारंपरिक वेशभूषा, गीतों और नृत्य की प्रस्तुतियों से दर्शकों के समक्ष समां बांधे रखते हैं।नाट्यशाला में विभिन्न शिक्षण संस्थान के विद्यार्थी अनेक सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में शामिल होकर अपना बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।

    नाट्यशाला में विद्यार्थियों के लिए पेंटिंग, पोस्टर मेकिंग, गायन और नृत्य आदि स्पर्धाएं निरंतर आयोजित करवाई जा रही हैं। इन प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को अधिकारियों की ओर से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित कर उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाता है।

    फूड कोर्ट में पर्यटक ले रहे राजस्थानी व्यंजनों का स्वाद

    फूड कोर्ट में पर्यटक हरियाणवी, पंजाबी खाने के साथ ही दाल बाटी चूरमा का स्वाद ले रहे हैं। यहां बाबूलाल राजस्थानी फूड स्टाल पर खास राजस्थानी थाली और पारंपरिक पकवानों क्रो पसंद किया जा रहा है। पर्यटक बाटी-चूरमा, गट्टे की सब्जी, केर-सांगरी, प्याज की कचौड़ी, मूंग दाल के हलवे और राजस्थानी मिर्ची वड़ा जैसे व्यंजनों का आनंद ले रहे हैं।

    सूरजकुंड मेला अनोखा और आकर्षित करने वाला मेला है। शिल्पियों के साथ-साथ अब यह मेला सांस्कृतिक मंच प्रदान करने के लिहाज से भी उपयोगी सिद्ध हो रहा है। दो थीम स्टेट (ओडिशा व मध्य प्रदेश) होने के कारण बड़ी संख्या में कलाकार मंच पर सांस्कृतिक समृद्धि का अहसास करा रहे हैं। हरियाणा, पंजाब के कलाकारों को भी बेहतर मौका मिल रहा है। - डॉ. सुनील कुमार, प्रबंध निदेशक, हरियाणा पर्यटन निगम