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    Surajkund Mela 2025: सात फरवरी से शुरू होगा सूरजकुंड मेला, इस बार कई वजहों से होगा खास

    Updated: Fri, 15 Nov 2024 04:32 PM (IST)

    38th Surajkund Crafts Mela अगले साल के फरवरी महीने में शुरू होने वाले 8वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले की तैयारी शुरू हो गई है। इस साल का मेला कई कारणों से खास होने वाला है। इस बार के हस्तशिल्प मेले मं बिम्सटेक की प्रमुख भागीदारी होगी। मेले में 1100 हटस बनेंगी। पर्यटकों को मेले में आने के लिए छह वीकेंड मिलेंगे।

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    सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले में बनेंगी 11्00 हटस, शुरू हुई तैयारी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। हरियाणा पर्यटन विभाग की ओर से लगने वाले 38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले की तैयारी शुरू कर दी गई है। नए वर्ष में सात फरवरी, शुक्रवार से शुरू होकर यह मेला 23 फरवरी रविवार तक चलेगा।

    ऐसे में पर्यटकों को छह वीकेंड यानी तीन शनिवार और तीन ही रविवार को मेले का दीदार करने का मौका मिलेगा। इस बार मेले में बिम्सटेक की प्रमुख भागीदारी रहेगी। बिम्सटेक सात देशों का एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग संगठन है। इसमें बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड सदस्य हैं।

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    फाइल फोटो

    इस बार मेले में 1100 से अधिक हटस

    थीम स्टेट का अभी चयन नहीं हो पाया है। मेले में देश-विदेश के शिल्पी भाग लेंगे। मेले से बिम्सटेक के जुड़ने के साथ ही सूरजकुंड परिसर में तैयारी शुरू की गई है। इस बार मेले में 1100 से अधिक हटस होंगी। वीआईपी गेट के पास पहले से ही कई हटस तैयार हैं। आमतौर पर यहीं थीम स्टेट जोन बनाया जाता है।

    यूएस भारद्वाज। जागरण

    इस बार दिल्ली गेट के पास बड़ी चौपाल पर भी सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। एक चौपाल वीआइपी गेट के पास है और दूसरी चौपाल छत्तीसगढ़ गेट के नजदीक निचले हिस्से में है। ऐसे में मेले में तीन चौपालों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।

    इस बार मेले में कुछ नयापन होगा। पिछली बार की अपेक्षा हटस की संख्या बढ़ाई जाएंगी। बिम्सटेक के जुड़नेे से पर्यटकों को सात देशोंं की सांस्कृतिक विरासत का पता चल पाएगा।

    यूएस भारद्वाज, नोडल अधिकारी, सूरजकुंड मेला।

    30 से 40 शिल्पियों को मिलेगा मौका 

    हम हर बार मेले में अलग-अलग के शिल्पियों को स्टॉल उपलब्ध करवाते हैं। इस बार नए वर्ष में 30 से 40 शिल्पियों को मौका दिया जाएगा। हरियाणा के 10 और बाकी स्टाल राजस्थान, पंजाब, हिमाचल और पश्चिम बंगाल के शिल्पियों को दिए जाएंगे। हमारा प्रयास है कि शिल्पी अपने हुनर से प्रदेश का नाम भी चमकाएं।

    हम शिल्पियों को मार्केटिंग का प्रशिक्षण भी देंगे।

    विनय कुमार त्रिपाठी, प्रबंधक, राष्ट्रीय कृषि ग्रामीण विकास बैंक।

    दोनों परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में हो रहा काम

    फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद (Faridabad-Noida-Ghaziabad) और पूर्व से पश्चिम फरीदाबाद की कनेक्टिविटी को लेकर प्रशासन बेहद गंभीर दिखाई दे रहा है। दोनों परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इन दोनों परियोजनाओं पर करीब 2431 करोड़ रुपये की लागत आनी है।

    फरीदाबाद व गुरुग्राम से अधिकतर लोग नोएडा की ओर आते हैं। फिलहाल यह स्थिति है कि गुरुग्राम से नोएडा के लिए करीब दो घंटे से अधिक तथा फरीदाबाद से नोएडा की दूरी करीब 40 किलोमीटर है। ऐसे में आमजन को रोजाना सड़कों पर जाम की स्थिति का सामना करना पड़ता है।

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