लोगों के 1.6 करोड़ रुपये हर महीने ठगों से वापस दिला रही स्टेट क्राइम ब्रांच
स्टेट क्राइम ब्रांच प्रदेश में हर महीने औसतन 16 लाख रुपये साइबर ठगों से बचा रही है। स्टेट क्राइम ब्रांच यह काम अपनी 1930 सेवा के माध्यम से कर रही है। अगर ठगी का अहसास होने पर तुरंत 1930 पर काल कर दी जाए तो यह ट्रांजक्शन रुकवा देती है।
फरीदाबाद: स्टेट क्राइम ब्रांच प्रदेश में हर महीने औसतन 1.6 करोड़ रुपये साइबर ठगों से बचा रही है। स्टेट क्राइम ब्रांच यह काम अपनी 1930 सेवा के माध्यम से कर रही है। अगर साइबर ठगी का अहसास होने पर तुरंत 1930 पर काल कर दी जाए तो यह सेवा ट्रांजक्शन रुकवा देती है और जांच के बाद रुपया वापस शिकायतकर्ता के खाते में आ जाता है। 27 सितंबर को स्टेट क्राइम ब्रांच ने आनलाइन ठगे गए पांच लाख रुपये इस तरीके से वापस कराए।
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एडीजीपी क्राइम ओपी सिंह ने एडवाइजरी जारी की है कि नौकरी के झूठे प्रलोभन में न आएं, बिना सोचें समझें किसी निजी जानकारी किसी के साथ शेयर न करें। किसी भी तरह की आनलाइन ठगी होने के तुरंत बाद 1930 पर काल करके सूचना दें। इससे आपकी ट्रांजक्शन रोक दी जाएगी और रुपया वापस मिल जाएगा। छह महीने में स्टेट क्राइम को 27758 शिकायत प्राप्त हुईं, इनमें से 11468 का निस्तारण किया गया। 1185 मुकदमे दर्ज किए गए, इनमें से 120 मुकदमे निपटाए गए। साइबर ठगों द्वारा हड़पे गए 10.88 करोड़ रुपये लोगों को वापस भी दिलाए गए।
प्रदेश में सबसे ज्यादा ठगी नौकरी का झांसा देकर
स्टेट क्राइम ब्रांच के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में इस समय आनलाइन ठगी की सबसे ज्यादा वारदात नौकरी का झांसा देकर हो रही हैं।27 सितंबर को 1930 हेल्पलाइन पर सोनीपत निवासी युवती ने शिकायत दी कि फोन पर नौकरी मैसेज प्राप्त हुआ था। संपर्क करने पर 50 हजार की सैलरी की नौकरी आफर की गई। इसके बाद साइबर ठगों ने विभिन्न औपचारिकताएं पूरी करने का झांसा देकर सवा तीन लाख रुपये खातों में मंगवा लिए। ठगी का अहसास होने पर युवती ने 1930 पर शिकायत दी। साइबर टीम ने ट्रांजक्शन रुकवा दी और ठगी की पूरी रकम महिला को खाते में वापस कर दी गई।
अमेरिकी दोस्त बनकर ठगे गए 1.84 लाख रुपये बचाए
पंचकूला के रहने वाले के पास अनजान नंबर से काल आई, सामने वाले ने खुद को उसका दोस्त बताया। साइबर ठग ने सुखदेव सिंह को अपनी बातों में ले लिया और कहा कि मेडिकल इमरजेंसी हो गयी है जिसके कारण उसे पैसों की सख्त जरूरत है। बातों में आने के कारण सुखदेव सिंह ने आनलाइन माध्यम से 2.90 लाख रुपये तुरंत भेज दिए। जैसे ही पीड़ित को ठगी समझ आई उसने 1930 पर शिकायत दर्ज की। साइबर टीम ने 1.84 लाख रुपये बचाने में सफलता हासिल की।
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नौकरी के लिए प्राधिकृत वेबसाइट पर ही जाए
ओपी सिंह, एडीजीपी क्राइम ने बताया कि सरकारी नौकरी के विज्ञापन अखबार व सरकारी वेबसाइट पर प्रकाशित किए जाते हैं। किसी झूठे प्रलोभन व फोन पर आने वाले मैसेज पर कांटेक्ट करने से पहले उसकी पूर्ण रूप से पड़ताल करें। अगर कोई आप से नौकरी दिलवाने के लिए पैसे की मांग कर रहा है तो सतर्क हो जाएं।