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Faridabad News: मैकेनाइज्ड कृत्रिम हाथ दिव्यांगों के दैनिक कार्याें को बना रहा है आसान

सड़क दुर्घटना या किसी भी कारण से अपने हाथ गवांने वाले दिव्यांगों को अपन निराश होने की आवश्यकता नहीं है। सेक्टर आठ स्थित डा. सूरज प्रकाश आरोग्य केंद्र में अमेरिका में मैकेनाइज्ड आर्टिफिशियल (कृत्रिम) हाथ लगाए जा रहे हैं।

By Abhishek TripathiEdited By: Versha SinghPublished: Fri, 07 Oct 2022 03:04 PM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 03:04 PM (IST)
Faridabad News: मैकेनाइज्ड कृत्रिम हाथ दिव्यांगों के दैनिक कार्याें को बना रहा है आसान
मैकेनाइज्ड कृत्रिम हाथ दिव्यांगों के दैनिक कार्याें को बना रहा है आसान

फरीदाबाद, जागरण संवाददाता : सड़क दुर्घटना या किसी भी कारण से अपने हाथ गवांने वाले दिव्यांगों को अपन निराश होने की आवश्यकता नहीं है। सेक्टर आठ स्थित डा. सूरज प्रकाश आरोग्य केंद्र में अमेरिका में मैकेनाइज्ड आर्टिफिशियल (कृत्रिम) हाथ लगाए जा रहे हैं। हाथ लगने बाद दिव्यांग के जीवन की दैनिक क्रिया कलाप काफी हद तक आसान हो जाते हैं।

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बता दें कि आर्टिफिशियल हाथ से दिव्यांग लिख व खा सकता है। सबसे अच्छी बात यह है कि एक लाख रुपये का आर्टिफिशियल दिव्यांग बिल्कुल निशुल्क लगवा सकते हैं। डा. सूरज प्रकाश आरोग्य केंद्र का दावा है कि पूरे उत्तर भारत में सिर्फ फरीदाबाद में यह आर्टिफिशियल हाथ लगाया जाता है।

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उल्लेखनीय है कि प्रत्येक वर्ष सैकड़ों की संख्या में लोग सड़क दुर्घटना या अन्य कारणों से अपना हाथ खो देते हैं। इसके बाद वह अपने दैनिक कार्यों के लिए स्वजन पर निर्भर हो जाते हैं और दिव्यांग जीवन भर स्वयं और दुर्घटना के उस पल को कोसते रहते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं है। यदि किसी व्यक्ति का हाथ नहीं है, तो डा. सूरज प्रकाश आरोग्य केंद्र में जाकर कृत्रिम हाथ लगवा सकता है। इस केंद्र औद्योगिक जिले के अलावा प्रदेश के विभिन्न जिलों, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान के निवासी कृत्रिम हाथ लगवाने के लिए आ रहे हैं। अब तक विभिन्न राज्यों के 370 दिव्यांगों को यह हाथ लगाया जा चुका है।

परंपरागत हाथ से है अलग

दिव्यांगों को लगाए जाने वाले परंपरागत हाथ काफी वजनी होते हैं। इन औसतन भारत 500 ग्राम व इससे अधिक भी होता है। इसके चलते दिव्यांग निकाल कर रख देते हैं और यह कोई काम नहीं करता है, लेकिन अमेरिका द्वारा मैकेनाइज्ड कृत्रिम हाथ 250 से भी कम वजन का है और दैनिक कार्याें के लिए दूसरों पर निर्भरता भी कम करता है। इसे लगाने में भी बहुत अधिक मेहनत नहीं करना पड़ती है।

दिया जाता है प्रशिक्षण

सूरज प्रकाश आरोग्य केंद्र में दिव्यांग को हाथ लगाने के साथ उसे चलाने का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। ताकि घर पर किसी तरह की परेशानी न हो। इसके लिए एक ट्रेनर की भी नियुक्ति की गई है। हाथ को लेकर के लिए उससे लिखना एवं खाना भी बताया जाता है और कई बार अभ्यास भी कराया जाता है।

प्राप्त करना है आसान

उल्लेखनीय है कि जिले में कृत्रिम हाथ के लिए कई शिविर आयोजित किए जाते हैं। पहले हाथ की माप ली जाती है और उसके बाद हाथ मिलता है, लेकिन सूरज प्रकाश आरोग्य केंद्र में दिव्यांग को केवल अपना आधार कार्ड लाना है और मामूली की औपचारिकता के बाद हाथ लगा दिया जाता है।

यह सामाजिक संस्था कर रही हैं सहयोग

भारत विकास परिषद सोशल वेलफेयर ट्रस्ट, रत्न निधि चैरिटेबल ट्रस्ट, रोटरी क्लब आफ दिल्ली साउथ सेंट्रल, रोटरी क्लब आफ पूना डाउनटाउन और एलेन मीडोज प्रोस्थेटिक हैंड फाउंडेशन यूएसए

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राजकुमार अग्रवाल, प्रोजेक्ट चेयरमैन, डा.सूरज प्रकाश अरोग्य केंद्र ने बताया कि, संस्था की ओर से यह एक छोटी सी पहल है कि हाथ से दिव्यांगों को एक सामान्य जीवन दिया जाए। इससे उनकी दूसरों पर निर्भरता कम होती है। इसके अलावा उनके लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ते हैं। देखने में आया है कि हाथ की कमी की वजह से दिव्यांग को रोजगार प्राप्त करने में हासिल करने में परेशानी आती है।


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