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    शिक्षिका सुमित्रा लखानी का अनूठा समर्पण, मरणोपरांत देहदान से समाज को दी नई दिशा

    Updated: Thu, 24 Apr 2025 07:39 PM (IST)

    फरीदाबाद में सेवानिवृत्त शिक्षिका सुमित्रा लखानी ने मरणोपरांत देहदान कर स्वस्थ और सुशिक्षित समाज के निर्माण में योगदान दिया। उन्होंने अपनी आंखें त्वचा और फिर पूरे शरीर का दान किया। उनके पति प्रकाश लखानी का देहदान कैंसर के कारण नहीं हो सका था लेकिन सुमित्रा लखानी ने अपने संकल्प को पूरा किया। उनके इस नेक कार्य की सराहना की जा रही है। शिक्षिका ने देहदान कर किया संकल्प पूरा।

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    स्वस्थ समाज : शिक्षिका ने देहदान कर किया संकल्प पूरा, नेत्र व त्वचा का भी किया दान

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। शहर की सेवानिवृत्त शिक्षिका सुमित्रा लखानी ने दैनिक जागरण के सात सरोकार में शामिल स्वस्थ समाज व सुशिक्षित समाज के निर्माण में योगदान देने का बेहतरीन प्रमाण प्रस्तुत किया है।

    सुमित्रा लखानी ने मरणोपरांत अपनी दोनों आंखें, त्वचा और फिर पूरी देह का दान कर दिया। सुमित्रा देवी औद्योगिक नगरी के रंगकर्मी, लेखक, कवि व समाजसेवी प्रकाश लखानी की धर्मपत्नी थीं।

    प्रकाश लखानी व सुमित्रा ने 12 अप्रैल 2019 को अपनी शादी की 50वीं वर्षगांठ मनाई थी। 50वीं वर्षगांठ पर अक्सर जहां साधन संपन्न लोग बड़ी पार्टियां करते हैं, तब लखानी दंपती ने समन्वय मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में विशेष रूप से रक्तदान शिविर आयोजित करवाया था।

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    पति का नहीं हो सका लेकिन सुमित्रा लखानी का संकल्प हुआ पूरा

    तभी उन्होंने मरणोपरांत देहदान का संकल्प लिया था। पिछले वर्ष प्रकाश लखानी का निधन हो गया, पर उन्हें कैंसर होने की वजह से देहदान नहीं हो सका।

    अब मंगलवार को 77 वर्ष की उम्र में सुमित्रा लखानी का निधन हो गया। निधन के बाद उनके पुत्र दीपक लखानी व पुत्री संगीता ने उनके इस संकल्प को पूरा किया।

    दीपक लखानी के अनुसार स्व. माता के दोनों नेत्र ईएसआईसी मेडिकल कालेज के नेत्र विभाग को दान किए गए, माता जी की त्वचा का दान एम्स से आई टीम को किया गया और दधिचि देहदान समिति के माध्यम से देहदान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान को कर मेडिकल के छात्रों के शोध के लिए किया गया।

    नेत्र होंगे नेत्रहीन लोगों को प्रत्यारोपित

    दोनों नेत्र दो नेत्रहीन लोगों को प्रत्यारोपित होंगे। त्वचा उन नवजात शिशुओं के काम आती है, जिनको जरूरी होती है। एम्स की ओर से बृहस्पतिवार को उनके पुत्र दीपक लखानी को त्वचा व देहदान के अलग-अलग प्रमाण पत्र सौंपे गए।

    इस अवसर पर समिति के संयोजक विकास भाटिया ने देहदान के महत्व पर प्रकाश डाला। सुमित्रा लखानी से प्रेरित होकर उनके दामाद महेश बांगा, पुत्री संगीता जो मानव रचना विश्वविद्यालय में डीन हैं और समन्वय मंदिर ट्रस्ट के केसी बांगा ने भी मरणोपरांत देहदान का संकल्प लेकर प्रपत्र भरे हैं।

    इस अवसर पर एमआर संस्थान के महानिदेशक डा.एनसी वधवा, वाइस चांसलर डॉ. संजय श्रीवास्तव, भाटिया सेवक समाज के प्रधान मोहन सिंह भाटिया, बन्नूवाल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान राकेश भाटिया, उपप्रधान संजीव ग्रोवर ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए और देहदान जैसे नेक कार्य की सराहना की।