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    'सुषमा स्वराज को किडनी डोनेट कर खुद को भाग्यशाली समझूंगा'

    By Amit MishraEdited By:
    Updated: Fri, 18 Nov 2016 03:48 PM (IST)

    किशोर सिंह को जब सुषमा स्वराज की किडनी खराब होने की जानकारी मिली, तो उन्होंने तय कर लिया था कि किडनी डोनेट करने को आगे आएंगे।

    फरीदाबाद [अनिल बेताब]। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की किडनी फेल होने की खबर से पूरा देश स्तब्ध है। सुषमा के व्यक्तित्व से प्रभावित एनआइटी दो नंबर निवासी किशोर सिंह (70वर्षीय) सुषमा स्वराज के स्वास्थ्य की मंगल कामना के साथ उनकी मदद को आगे आए हैं। किशोर सिंह उन्हें अपनी किडनी डोनेट करना चाहते हैं। किशोर सिंह नेत्रदान का संकल्प पहले ही ले चुके हैं।

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    किशोर सिंह को जब सुषमा स्वराज की किडनी खराब होने की जानकारी मिली, तो उन्होंने तय कर लिया था कि किडनी डोनेट करने को आगे आएंगे। स्वास्थ्य परीक्षण और सारी औपचारिकताएं पूरी करने को वह तैयार हैं। उनका कहना है कि अगर वह किडनी डोनेट कर पाए तो स्वयं को भाग्यशाली समझेंगे। किशोर सिंह कहते हैं कि इस बारे में सरकार को पत्र लिखेंगे, साथ ही जिला उपायुक्त तथा सिविल सर्जन कार्यालय के माध्यम से अपनी बात आगे पहुंचाएंगे।

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    किशोर एनआइटी दो नंबर डी ब्लाक, विडो होम में रहते हैं। उनके तीन बेटों में सुरेंद्र नौकरी करते हैं, जबकि संतोष सिंह तथा रतन सिंह अपना कारोबार करते हैं। किशोर सिंह पहले कारोबार करते थे और अब समाजसेवा कर लोगों की भलाई का काम करते हैं।

    किशोर सिंह कहते हैं कि उनका इरादा फौज में जाने का था, लेकिन किन्हीं कारणों से जा नहीं पाए। अब जब सुषमा स्वराज की तकलीफ के बारे में पता चला तो वे आगे आए। किशोर सिंह ने कहा कि वह फौज में जाकर देश सेवा नहीं कर पाए लेकिन देश सेवा में जुटी सुषमा स्वराज के काम आएंगे तो उनका जीवन सफल हो जाएगा।

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    सिविल सर्जन जारी करते हैं अनापत्ति प्रमाण पत्र

    अंग प्रत्यारोपण अधिनियम, 2014 (संशोधित) के तहत प्रावधान है कि सेवा भावना से कोई भी किसी को किडनी डोनेट कर सकता है। मगर इसमें किसी भी तरह से पैसे का लेन-देन न हो। किडनी प्रत्यारोपण से पहले जिला स्तर पर आर्गन ट्रांसप्लांट कमेटी की ओर से जांच की जाती है। जांच के बाद सिविल सर्जन की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी किया जाता है। स्वास्थ्य परीक्षण तो अनिवार्य है ही। किडनी डोनेट करने वाले को कोई भी बीमारी नहीं होनी चाहिए।