फरीदाबाद में कांवड़ यात्रा के दौरान बड़ा हादसा, हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से कांवड़िये की मौत
फरीदाबाद में हरिद्वार से डाक कांवड़ लेकर लौट रहे एक युवक की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई। मृतक रवि अपने साथियों के साथ कांवड़ लेकर आ रहा था तभी यह हादसा हुआ। इस घटना में एक अन्य कांवड़िया भी घायल हो गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। हरिद्वार से अपने साथियों के साथ डाक कांवड़ लेकर आ रहे कांवड़िया जयकारा लगाते समय हाइटेंशन लाइन की चपेट में आ गया।
इलाज के दौरान डाॅक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसके साथ खड़ा कांवड़ियां भी हादसे में झुलस गया। लहडोला गांव के कांवड़िये के साथ यह हादसा ग्रेटर फरीदाबाद स्थित फरीदपुर गांव के सामने हुआ।
पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम कराकर शव स्वजन को सौंप दिया। जिस जगह पर हादसा हुआ। वहां से लहडोला गांव के केवल चार किलोमीटर दूर था।
लहडोला गांव निवासी संदीप ने बताया कि उनका भतीजा रवि 19 जुलाई को अपने साथियों के साथ मिलकर हरिद्वार डाक कावड़ लेने गया।
उसे बुधवार को शिवरात्रि पर गांव के ही मंदिर में जल अर्पित करना था। सुबह उनकी डाक कावड़ यात्रा फरीदपुर गांव के पास से गुजर रही थी।
उसी दौरान ऊपर से गुजर रहे हाइटेंशन लाइन पर जयकारा लगाते समय रवि का हाथ छू गया। जिससे उसको करंट लग गया।
उसे एक निजी अस्पताल मे लेकर जाया गया। जहां पर डाॅक्टरों ने रवि को मृत घोषित कर दिया। रवि के साथ खड़े अनिल को भी करंट लगा। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मृतक के चाचा संदीप ने बताया कि रवि निजी फैक्ट्री में काम करता था। पिता सतपाल खेतीबाड़ी का काम करते है।
संदीप ने कहा कि हाइटेंशन लाइन नीचे नहीं होती तो उनके भतीजे की जान नहीं जाती। वह केवल अपने गांव से चार किलोमीटर की दूरी पर था।
बीते एक साल में एक की मौत और 13 कांवड़ियां झुलसे
पिछले एक साल में एक की मौत और 13 कांवड़ियां झुलस चुके हैं। पिछले साल तिगांव में भी डाक कांवड़ लेने जा रहे कांवड़ियां हाइटेंशन लाइन की चपेट में आ गए थे। जिससे एक कांवड़ियां नितिन की मौत हो गई थी।
बाकी 14 कांवड़ियां गंभीर रूप से घायल हो गए थे। 2023 में भतौला गांव में कांवड़ लेने जाते समय करंट की चपेट में आने से 11 साल सहित दो लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में आठ लोग भी घायल हो गए थे।
गाइडलाइन तो जारी की, लागू नहीं करा पाई पुलिस
ट्रैफिक पुलिस की ओर से सावन की शुरुआत में ही डाक कांवड़ को लेकर गाइडलाइन जारी की गई थी कि वह पांच फिट से अधिक नहीं होगी।
लेकिन डाक कांवड़ सात से आठ फुट की भी देखी गई। इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिस की ओर से किसी तरह की कार्रवाई नहीं गई। जिसका परिणाम हादसे के रूप में सामने आया।
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