Faridabad: जेसी बोस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हड़ताल पर, 7 हजार छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर असर
इससे यूनिवर्सिटी के छात्रों की कक्षाएं बाधित हुई हैं। शिक्षक कैरियर एडवांसमेंट स्कीम (कैश) रिजेक्शन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उसे वापस लेने की मांग कर सर्विस रूल को लागू करने यूजीसी के नियम को लागू करने की मांग कर तानाशाही करने का आरोप यूनिवर्सिटी प्रबंधन के खिलाफ लगा रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि कैरियर एडवांसमेंट स्कीम यूजीसी की एक पदोन्नति की स्कीम है।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। जेसी बोस यूनिवर्सिटी फैकल्टी एसोसिएशन की तरफ से मंगलवार को यूनिवर्सिटी परिसर में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। इस मौके पर शिक्षकों ने कैंडल मार्च निकाला है। शिक्षकों का कहना है कि पहली बार प्रदर्शन किया जा रहा।
यूनिवर्सिटी के छात्रों की कक्षाएं बाधित
इससे यूनिवर्सिटी के छात्रों की कक्षाएं बाधित हुई हैं। शिक्षक कैरियर एडवांसमेंट स्कीम (कैश) रिजेक्शन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उसे वापस लेने की मांग कर सर्विस रूल को लागू करने, यूजीसी के नियम को लागू करने की मांग कर तानाशाही करने का आरोप यूनिवर्सिटी प्रबंधन के खिलाफ लगा रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि कैरियर एडवांसमेंट स्कीम यूजीसी की एक पदोन्नति की स्कीम है।
इसमें आवदेन करने पर प्रमोशन मिलती है। दावा है कि गलत ढंग से आवदेनो का रिजेक्शन किया गया है। यूनिवर्सिटी के सभी शिक्षक धरना प्रदर्शन में शामिल है। इसका असर यूनिवर्सिटी के सात हजार बच्चों के पठन-पाठन पर पड़ रहा है।
मांगे नहीं मानी तो तीन दिनों तक नहीं होगा काम
शिक्षकों ने बताया कि शनिवार व रविवार को अलग कक्षा लगाकर विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम पूरा किया जाएगा। सरकार ने अगर मांगे नहीं मानी तो तीन दिनों तक लगातार काम काज नहीं होगा।
19 से 26 तक भूख हड़ताल करेंगे। अगर फिर भी मांगे नहीं मानी गई तो 26 जनवरी से 24 घंटे की भूख हड़ताल की जाएगी।कैश प्रमोशन को लेकर 45 प्रतिशत तक हुए रिजेक्शन के विरोध में प्रोफेसर हड़ताल कर रहे हैं, पिछले वर्ष मई में रिजेक्शन हुआ था। इसमें असिस्टेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर तक के पद हैं।
साक्षात्कार में यूजीसी के नियमों का भी पालन नहीं करने का आरोप लगाया गया है। इंटरल क्वालिटी एश्योरेंस सेल कैश के तहत किए गए आवदेन को चेक करता है। इसके बाद इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। फिर इन दोनों के नंबर जोड़कर पदोन्नति की जाती है। यूनिवर्सिटी में 2009 से सर्विस रूल नहीं होने का दावा किया है। वहीं, शिक्षकों ने यूनिवर्सिटी में स्टाफ की कमी सहित इफ्रास्ट्रक्टर की कमी को इंगित किया है।
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