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    भारतीय सभ्यता की साक्षी हवेलियां खुद सुनाएंगी अपनी गौरव गाथा

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Tue, 20 Feb 2018 07:06 PM (IST)

    हरियाणा में भारतीय सभ्यता व संस्कृति के दर्शन कराने वाली पुरानी हवेलियों की संक्षिप्त ब्योरे के साथ इंडेक्सिंग की जाएगी।

    भारतीय सभ्यता की साक्षी हवेलियां खुद सुनाएंगी अपनी गौरव गाथा

    फतेहाबाद [मणिकांत मयंक]। बेशक, प्राचीनतम भारतीय सभ्यता की साक्षी पुरानी हवेलियों में से अधिकांश की दशा दयनीय हो चुकी है। पर, हकीकत का दूसरा पहलू यह है कि हवेलियों का जिक्र आते ही मष्तिक में अनेक छवियां उभरती हैं। स्थापत्य से लेकर उनकी पुरातन वास्तुकला, प्राचीन सभ्यता व संस्कृति से जुड़े उनके दर्शन तक-तमाम विषय हर आम व खास को रोमांचित करते हैं।

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    इन संवेदनशील विषयों के मर्म को प्रदेश सरकार के पुरातत्व एवं म्यूजियम विभाग ने भी महसूस किया है। इसलिए विभाग ने अब प्रदेशभर की सभी पुरानी व गौरवशाली हवेलियों की इंडेक्सिंग अर्थात अनुक्रमणिका बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। तात्पर्य यह कि पुरातन सभ्यता को दर्शाती ये हवेलियां अब अपनी गौरव गाथा खुद सुनाएंगी।

    वह चाहे अंबाला में गंगाराम की हवेली हो अथवा हिसार का गुजरी महल, रेवाड़ी में हेमू की हवेली हो या गुरुग्राम स्थित सिखों की हवेली, हवेली ऑफ उदयवीर ... राज्य पुरातत्व विभाग के अधीन सभी संरक्षित अथवा असंरक्षित हवेलियों की संक्षिप्त अनुक्रमणिका बनाने की तैयारी चल रही है।

    विभाग के अनुसार, असंरक्षित हवेलियों का सर्वे जोर-शोर से चल रहा है। असंरक्षित हवेलियों  का ही सर्वे इसलिए कि संरक्षित की फेहरिस्त विभाग के पास पहले से ही मौजूद है। अब असंरक्षितों के सर्वे उपरांत दोनों की एक साथ इंडेङ्क्षक्सग की जाएगी। इंडेक्सिंग अर्थात अनुक्रमणिका में हवेली की उम्र होगी तो उसके अतीत की संक्षिप्त कहानियां भी।

    राज्य पुरातत्व एवं म्यूजियम विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. बनानी भट्टाचार्य के अनुसार इस इंडेक्सिंग में प्रोटेक्टेड व अनप्रोटेक्टेड दोनों तरह की हवेलियां शामिल की जाएंगी। सर्वे के बाद पता लगेगा कि इसमें कुल कितनी हवेलियां होंगी। इंडेक्स बनने के बाद आम लोगों के साथ-साथ भारतीय सभ्यता व संस्कृति पर शोध करने वालों को भी सहूलियत होगी।

    कुछ प्रमुख हवेलियां

    होडल : बलवान केदड़ी हवेली

    अंबाला : गंगाराम की हवेली

    बल्लभगढ़ : रानी का महल

    रोहतक : बाबा हीरालाल की हवेली, सेठ नरसिंह की हवेली

    गुरुग्राम : सिखों की हवेली, हवेली ऑफ उदयवीर

    झज्जर : बाग वाली कोठी

    पलवल : चौधरी काशीराम की हवेली

    रेवाड़ी : हेमू की हवेली, रानी की ड्योढ़ी

    सोनीपत : खिजर खां का मकबरा

    सोहना : लोधी डायनेस्टी

    यमुनानगर : बुधिया की हवेली आदि।

    इन प्रमुख पहलुओं को जोड़ेगी अनुक्रमणिका

    - हवेली का इतिहास

    - हवेली की वर्तमान दशा

    - हवेली में वास्तुकला और उसका महत्व

    - सभ्यता व संस्कृति का पक्ष

    - किन प्रमुख हस्तियों ने हवेली में कब विजिट किया आदि।

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