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    Haryana Election: BJP-कांग्रेस से कटा टिकट, निर्दलीयों ने बढ़ाई टेंशन, कांटे की टक्कर तो कहीं बना त्रिकोणीय मुकाबला

    Updated: Tue, 17 Sep 2024 09:27 PM (IST)

    Haryana Vidhansabha Election 2024 हरियाणा में फरीदाबाद की विधानसभा सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला बनता दिख रहा है। इन सीटों पर पार्टी से टिकट कटने पर नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का पूरा प्लान बना लिया है। इससे पार्टियों की टेंशन बढ़ती दिखाई दे रही है। पढ़िए आखिर फरीदाबाद की कौन सी सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला बन रहा है और कौन सी सीट पर भाजपा-कांग्रेस के बीच टक्कर होगी।

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    Haryana Vidhansabha Election 2024: फरीदाबाद की सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होता दिख रहा है। फाइल फोटो

    सुभाष डागर, फरीदाबाद। Haryana Election 2024 विधानसभा चुनाव के लिए जिले के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में नामांकन प्रक्रिया पूरी होने और चुनाव चिन्ह मिलने के बाद अब तस्वीर कुछ साफ हो गई कि किस क्षेत्र में मुकाबला आमने-सामने का होगा और कहां त्रिकोणीय होगा।

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    Haryana Vidhansabha Election 2024 कांग्रेस और भाजपा ने जिन दावेदारों को टिकट नहीं दिया था, उनमें से कई निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी महासमर में उतर गए हैं। इससे तिगांव, बल्लभगढ़, पृथला व एनआईटी में चुनावी रण रोचक हो गया है।

    फरीदाबाद विस क्षेत्र व बड़खल दो ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर भाजपा-कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने होने की उम्मीद है। इन सभी विधानसभा क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी, जजपा-आसपा, इनेलो-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी भी मैदान में हैं, यह आने वाला समय बताएगा कि वह कितना राजनीतिक कौशल दिखाकर मुकाबले में स्वयं को लेकर आते हैं।

    पृथला में रोमांचक होगा रण

    पृथला विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह से ग्रामीण है और जाट बहुल है, साथ में राजपूत, ब्राह्मण, मुस्लिम मतदाताओं के साथ ओबीसी व एससी वर्ग के मतदाता भी हैं। यहां पर 2019 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी नयनपाल रावत और कांग्रेस प्रत्याशी रघुबीर सिंह तेवतिया के बीच सीधा मुकाबला हुआ था। नयनपाल रावत ने तेवतिया को 16424 मतों के अंतर से हराया था।

    नयनपाल ने विधायक बनकर भाजपा सरकार काे पूरे पांच वर्ष समर्थन दिया। वह भाजपा से टिकट मांग रहे थे। भाजपा ने उन्हें टिकट देने की बजाय पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा को दे दिया। टिकट न मिलने के नयनपाल ने फिर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में ताल ठोक दी है।

    यहां कांग्रेस ने जाट समुदाय से प्रत्याशी रघुबीर सिंह तेवतिया को, भाजपा ने ब्राह्मण समुदाय से टेकचंद शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। निवर्तमान विधायक व निर्दलीय प्रत्याशी नयनपाल रावत राजपूत समाज से हैं, साथ में इनेलो-बसपा गठबंधन प्रत्याशी सुरेंद्र वशिष्ठ भी ब्राह्मण समुदाय से हैं। यहां आने वाले समय में ज्यों-ज्यों चुनाव प्रचार जोर पकड़ेगा, मुकाबला रोचक बनेगा।

    एनआईटी फरीदाबाद क्षेत्र में मुकाबला होगा त्रिकोणीय

    एनआईटी विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण और शहरी मतदाता बराबर पड़ते हैं। यहां पर 2019 में हुए मुकाबले में कांग्रेस प्रत्याशी नीरज शर्मा ने भाजपा प्रत्याशी नगेंद्र भड़ाना को 3242 मतों से हराया था। नगेंद्र भड़ाना इस बार भी भाजपा से टिकट मांग रहे थे। भाजपा ने उनकी बजाय टिकट अपने कार्यकर्ता सतीश फागना को दे दिया।

    वहीं, टिकट न मिलने पर नगेंद्र भड़ाना फिर से इनेलो के हो लिए और अब इनेलो-बसपा गठबंधन के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर निवर्तमान विधायक कांग्रेस के नीरज शर्मा, भाजपा प्रत्याशी सतीश फागना और इनेलो प्रत्याशी नगेंद्र भड़ाना के बीच त्रिकोणीय मुकाबला बनता हुआ दिखाई दे रहा है।

    बड़खल में विजय-धनेश के बीच आमने-सामने की टक्कर

    बड़खल विधानसभा क्षेत्र में 2019 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विजय प्रताप सिंह और भाजपा प्रत्याशी सीमा त्रिखा के बीच सीधा मुकाबला हुआ था। इस मुकाबले में सीमा त्रिखा ने विजय प्रताप सिंह को 2545 मतों से जीत दर्ज की थी। इस बार के चुनाव में भाजपा ने अपना प्रत्याशी बदल कर धनेश अदलखा को बनाया है।

    यहां पर कांग्रेस प्रत्याशी विजय प्रताप सिंह और भाजपा प्रत्याशी धनेश अदलखा के बीच सीधा मुकाबला होता हुआ दिखाई दे रहा है। विजय प्रताप सिंह ने पिछला मुकाबला मात्र ढाई हजार मतों के अंतर से ही गंवाया था। भाजपा ने यहां धनेश अदलखा को उतार कर सत्ता विरोधी लहर को कम करने की कोशिश की है। धनेश और विजय प्रताप में आमने-सामने की जबरदस्त टक्कर होगी।

    बल्लभगढ़ में कांग्रेस ने नया चेहरा उतारा, मुकाबला त्रिकोणीय हुआ

    विधानसभा क्षेत्र से 2019 के मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी मूलचंद शर्मा ने अपने प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी आनंद कौशिक को 41713 मतों के अंतर से हराया था। यह प्रदेश में तीसरी सबसे बड़े अंतर की जीत थी। इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने तीसरी बार मूलचंद शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया है। दो बार की विधायक रही शारदा राठौर यहां से कांग्रेस का टिकट मांग रही थी।

    पार्टी ने उन्हें टिकट देने की बजाय युवा चेहरा पूर्व विधायक याेगेश शर्मा की बेटी पराग शर्मा को टिकट दिया है। शारदा राठौर ने चुनावी मैदान में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोक दी है। यहां से मुकाबला त्रिकोणीय होने की उम्मीद है।

    फरीदाबाद में विपुल-लखन के बीच आमने-सामने की लड़ाई

    फरीदाबाद विस क्षेत्र में 2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र गुप्ता ने कांग्रेस प्रत्याशी लखन सिंगला को 21713 मतों के अंतर से हराया था। यहां पर भाजपा ने अपना प्रत्याशी नरेंद्र गुप्ता को बदल कर पूर्व मंत्री विपुल गोयल को बनाया है। कांग्रेस ने इस बार भी लखन सिंगला को ही टिकट दिया है।

    इस चुनाव में विपुल गोयल और लखन सिंगला के बीच सीधी टक्कर होती हुई दिखाई दे रही है। दोनों ही वैश्य समुदाय से हैं। ऐसे में जो वैश्यों के साथ-साथ पंजाबी वर्ग और स्लम क्षेत्र व कालोनियों में सेंध लगाने में कामयाब रहेगा, वही विजय हासिल करेगा।

    तिगांव में राजेश, ललित के बीच आ गए रोहित

    2019 के चुनाव में मुकाबला भाजपा प्रत्याशी राजेश नागर और कांग्रेस प्रत्याशी ललित नागर के बीच हुआ था। राजेश नागर ने ललित नागर को 33841 मतों के अंतर से हराया था। इस बार भी इन दोनों के बीच ही लड़ाई आमने-सामने होने की उम्मीद थी, पर कांग्रेस ने ललित का टिकट काट कर युवा चेहरे रोहित को टिकट थमा दिया।

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    वरिष्ठ नेता यशपाल नागर के बेटे रोहित नागर पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। टिकट न मिलने के कारण निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे ललित नागर सहानुभूति के सहारे मतदाताओं के बीच हैं। मुकाबला यहां भी रोमांचक रहेगा।

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