Move to Jagran APP

हरियाणा की बेटी कीर्ति ने गुजरात न्यायिक सेवा की परीक्षा में किया टाप, बनेंगी जज

Gujarat judicial services exam results हरियाणा की रहने वाली कीर्ति ने गुजरात न्यायिक सेवा की परीक्षा में देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। परीक्षा में कुल 59 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं और इसमें कीर्ति ने पहला स्थान हासिल किया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 18 Jul 2021 12:02 PM (IST)Updated: Sun, 18 Jul 2021 12:02 PM (IST)
हरियाणा की बेटी कीर्ति ने गुजरात न्यायिक सेवा की परीक्षा में किया टाप, बनेंगी जज
न्यायाधीश बनने की जिद के चलते कार्ति ने गुजराती बोलना व लिखना सीखा

फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। यदि मनुष्य किसी कार्य को करने की जिद ठान ले, तो फिर रास्ते के बड़े-बड़े पत्थर भी खुद ब खुद हटने लगते हैं। ऐसा ही कुछ जिले की बेटी कीर्ति ने करके दिखाया है। कीर्ति ने गुजरात न्यायिक सेवा की परीक्षा में देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। परीक्षा में कुल 59 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं और इसमें कीर्ति ने पहला स्थान हासिल किया है। कीर्ति लगातार अपने प्रयासों में लगी हुई थी, पर गुजराती भाषा का ज्ञान न होने के कारण लक्ष्य भेदने में चूक हो रही थी। पर जिसने कुछ अलग की ठान रखी हो, उसे भला कौन कितने समय तक रोक सकता है।

loksabha election banner

न्यायाधीश बनने की जिद के चलते कीर्ति ने गुजराती बोलना एवं लिखना सीखा और अब न्यायिक सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण करके ही दम लिया।

कीर्ति पूर्व उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.अनूप कुमार और नेहरू कालेज की पूर्व प्राचार्या संतोष कुमारी की बेटी हैं। परिणाम कुछ दिन पहले घोषित हुए हैं, लेकिन परिवार ने अब यह जानकारी दी है। डा. अनूप कुमार ने बताया कि बेटी कीर्ति गुजरात न्यायिक सेवा की परीक्षा तीन वर्षों से दे रही थी। परीक्षा में बाकी सभी विषयों में उत्तीर्ण भी हो रही थी, लेकिन गुजराती नहीं आने के चलते 50 नंबर का गुजराती भाषा का पेपर क्लीयर नहीं हो पा रहा था। इसके बाद कीर्ति ने आठ महीने अहमदाबाद में रह कर गुजराती पढ़ना एवं लिखना सीखा। अब वह अच्छी गुजराती बोल व लिख लेती है।

न्यायाधीश बनने की जिद के चलते कार्ति ने गुजराती बोलना व लिखना सीखा

कीर्ति ने इंजीनियरिंग की हुई है और बहुराष्ट्रीय कंपनी में अच्छे पद पर कार्यरत थी। किसी रिश्तेदार के कहने पर उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से वकालत की पढ़ाई शुरू की। नौकरी और पढ़ाई दोनों अच्छी रही थी, लेकिन वकालत में रुचि बढ़ने के साथ ही नौकरी छोड़ दी और पढ़ाई को पूरा समय देने लगी।

वकालत पूरी करने के बाद दो वर्षों से न्यायिक सेवा की तैयारी कर रही थी। मई वर्ष 2019 में परीक्षा में बैठने का आवेदन किया था। इसके बाद नवंबर में प्री और 2020 जनवरी में मेंस हुई थी। जुलाई में मेंस का परिणाम घोषित किया गया था। कोरोना संक्रमण की वजह से इस वर्ष एक अप्रैल 2021 में साक्षात्कार हुआ और अभी हाल ही में परिणाम जारी हुआ है। कीर्ति ने अपनी सफलता को श्रेय पिता डा. अनूप कुमार और मां संतोष कुमारी को दिया है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.