Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कौन हैं बाबा अवधूत नाथ? जिनकी 12 वर्ष की तपस्या पूरी होने पर सीएम मनोहर लाल ने बांधे तारीफ के पुल

    By Mangal YadavEdited By:
    Updated: Tue, 03 May 2022 03:38 PM (IST)

    हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि बाबा अवधूत नाथ ने 12 साल की जो तपस्या की है उसके पीछे भी मकसद इस देश व प्रदेश की सुख और समृद्धि है। प्रदेश व देश ह ...और पढ़ें

    Hero Image
    मनोहर लाल को भगवान श्री कृष्ण का चित्र भेंट कर स्वागत करते बाबा अवधूत नाथ व आश्रम से जुड़े लोग

    फरीदाबाद [सुशील भाटिया]। खड़ेश्री बाबा अवधूत नाथ की 12 वर्ष की तपस्या के संपूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आज पृथला के पन्हेड़ा खुर्द गांव में हो रहे इस आयोजन को देख कुंभ के मेले जैसी अनुभूति हो रही है। यह देश तप और तपस्वियों की कृपा से लगातार उन्नति की ओर अग्रसर है। देश के साधु संतों ने इस देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए सदैव महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस देश की संस्कृति ऋषि मुनियों व साधु संतों के आदर्शों से जुड़ी हुई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मनोहर लाल ने कहा कि बाबा अवधूत नाथ ने 12 साल की जो तपस्या की है, उसके पीछे भी मकसद इस देश व प्रदेश की सुख और समृद्धि है। प्रदेश व देश हित में तप करने वाले साधु-संतों की जितनी सेवा की जाए, कम है। वैसे तो आज मैं इस धार्मिक आयोजन में साधु-संतों के दर्शन करने व आशीर्वाद लेने आया हूं, पर इस क्षेत्र से विधायक नयनपाल रावत ने धर्म से ही जुड़ी दो मांंगें रखी हैं, जिनमें पन्हेड़ा गांव के तालाब को सिद्ध सरोवर के रूप में विकसित करने व जेवर एयरपोर्ट को जाने वाले हाइवे पर हीरापुर में उतार चढ़ाव की व्यवस्था बनाई जाए, ताकि गांव हीरापुर के प्राचीन ऐतिहासिक माता मंदिर पर हर वर्ष लगने वाले मेले में बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को आने-जाने में परेशानी न हो।

    इस मौके पर मुख्यमंत्री ने गांव में व्यायामशाला और सामुदायिक भवन बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मोहना गांव में जेवर एयरपोर्ट आने जाने के लिए उतार-चढ़ाव बनाया जाएगा। पन्हेड़ा खुर्द में खेल मैदान बनाया जाएगा। मंदिर के पास तालाब सुंदर सरोवर में बदलने की घोषणा की है । मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा अवधूत नाथ ने जो तप किया है, वो अग्नि के समान है और इस फल पूरे समाज को मिलेगा।

    बता दें कि महंत अवधूत नाथ दोनों पैरों से खड़े होकर तपस्या करते थे । वह कभी भी बैठते नहीं थे बारिश या धूप होती थी, तो वह पैदल चलकर कमरे के अंदर खड़े हो जाते थे और रात को कमरे में ही सोते थे। वे ड्रम पर छाती रखकर खड़े होकर सोते थे । उन्होंने तपस्या भगवान से सीधे जुड़ने और पुण्य प्राप्ति के लिए की है । उनके पैरों में खून निकलने लगा तो पैरों पर पट्टी बांध ली।