फरीदाबाद सड़कों पर आवारा पशु बने जानलेवा, निवासियों ने की निगम से कार्रवाई की मांग
फरीदाबाद में सड़कों पर आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है खासकर ग्रेटर फरीदाबाद में जहां दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। नगर निगम जुर्माना लगाकर पशुओं को छोड़ देता है जिससे समस्या जस की तस बनी रहती है। 10000 से ज्यादा आवारा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं जिससे हादसे हो रहे हैं। निवासियों ने निगम से कार्रवाई की मांग की है।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। सड़कों पर आवारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। ग्रेटर फरीदाबाद में भी स्थिति भयावह है। यहां मास्टर रोड पर हजारों पशु घूमते और बैठे रहते हैं। अंधेरे में अचानक पशुओं के सामने आने से दुर्घटनाएं होने की आशंका बनी रहती है। पशुओं से टकराने के कारण कई लोगों की जान भी जा चुकी है, लेकिन नगर निगम के अधिकारी इस ओर बेपरवाह नजर आ रहे हैं।
उन्होंने एफआईआर दर्ज कराने की बात कही थी, लेकिन अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। आवारा पशुओं से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने के लिए नगर निगम ने पशु मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का दावा किया था।
फिलहाल, कार्रवाई के नाम पर नगर निगम द्वारा पकड़े गए आवारा पशुओं पर 11,000 रुपये का जुर्माना लगाकर उन्हें मालिकों को लौटा दिया जाता है। इसके बाद पशुओं को वापस सड़क पर छोड़ दिया जाता है। बार-बार चेतावनी के बावजूद पशु बाज नहीं आ रहे हैं।
इसलिए मार्च 2024 में पशु मालिकों के खिलाफ धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज कराने का दावा किया गया था। यह आदेश तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त स्वप्निल पाटिल ने जारी किया था। लेकिन किसी भी पशुपालक के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
10,000 से अधिक आवारा पशु
नगर निगम के अनुसार, शहर की विभिन्न सड़कों पर 10,000 से ज़्यादा आवारा पशु घूमते हैं। कई बार वाहन चालक इन पशुओं से टकराकर घायल हो चुके हैं। नगर निगम इन पशुओं को पकड़कर गौशाला भेज देता है, लेकिन पशुपालक जुर्माना भरकर अपने पशुओं को छोड़ देते हैं।
कुछ दिनों बाद, इन पशुओं को वापस सड़कों पर छोड़ दिया जाता है। आवारा पशुओं की सबसे बड़ी समस्या ग्रेटर फरीदाबाद की सड़कों पर है। निगम को विभिन्न सोसायटियों से आवारा पशुओं के बारे में पाँच से सात शिकायतें मिलती हैं।
इस तरह हुए हैं हादसे
अगस्त 2024 में, भारत कॉलोनी में सड़क पर लड़ रहे दो आवारा पशुओं ने एक मोटरसाइकिल सवार को टक्कर मार दी। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
इसी साल, सेक्टर 8 बाईपास रोड पर अचानक एक आवारा पशु के सामने आ जाने से दो वाहनों की टक्कर हो गई थी। दोनों गाड़ियाँ बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं और एक गाड़ी का एयरबैग खुल गया, जिससे उसमें सवार लोग घायल हो गए।
अगर किसी विभाग की वजह से कोई दुर्घटना होती है, तो ज़िम्मेदार व्यक्ति के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया जा सकता है। अगर मुक़दमा दर्ज किया जाता है, तो अधिकारी सावधानी से काम करेंगे, वरना लोग अपनी जान गँवाते रहेंगे और सब अपनी ज़िम्मेदारियों से बचते रहेंगे।
- ओपी शर्मा, पूर्व उपाध्यक्ष, बार काउंसिल
GREF के मास्टर रोड पर गाड़ियाँ तेज़ रफ़्तार से चलती हैं। कई इलाकों में अंधेरा रहता है। अगर कोई जानवर किसी गाड़ी के सामने आ जाए, तो दुर्घटना का ख़तरा रहता है। पूरा ग्रेटर फ़रीदाबाद बदहाल है। जानवर सोसाइटी में भी घुस आते हैं। उन्हें पकड़ना ज़रूरी है।
- निर्मल कुलश्रेष्ठ, GREF निवासी
पशुपालकों को समय-समय पर चेतावनी दी जाती है और जुर्माना लगाया जाता है। लेकिन वे मानते नहीं हैं। पशु पकड़ने का अभियान जारी है।
- नितीश परवाल, अधिशासी अभियंता, नगर निगम
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