फरीदाबाद के 30 प्राइवेट स्कूलों को शिक्षा विभाग ने भेजा नोटिस, RTE के तहत गरीब बच्चों को नहीं दिया दाखिला
फरीदाबाद के लगभग 30 प्राइवेट स्कूलों को शिक्षा विभाग ने आरटीई के तहत गरीब बच्चों को दाखिला न देने पर नोटिस जारी किया। विभाग ने निदेशालय से इन स्कूलों की मान्यता रद्द करने की मांग की है क्योंकि ये स्कूल नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। आरटीई के अंतर्गत प्राइवेट स्कूलों को 25% सीटें आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए आरक्षित रखनी होती हैं जिसकी फीस सरकार देती है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को दाखिला नहीं देने वाले जिला के करीब 30 प्राइवेट स्कूलों को शिक्षा विभाग की ओर से नोटिस जारी किया गया है। शिक्षा विभाग की ओर से एक बार फिर निदेशालय को पत्र भेजकर मान्यता रद और एनओसी विदड्राल करने की मांग की जाएगी।
आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूलों में 25 प्रतिशत सीट आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए आरक्षित होती है। योजना के तहत विद्यार्थियों को प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क शिक्षा दी जाती है। ऐसे विद्यार्थियों की फीस का भुगतान सरकार की ओर से की जाती है। आरटीई के तहत दाखिला के लिए शैक्षणिक सत्र शुरू होने के करीब साढे चार महीने बाद भी अभिभावक और बच्चे शिक्षा विभाग तथा स्कूलों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन बच्चों का दाखिला नहीं हो पा रहा है। इससे पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
निदेशालय से की जाएगी प्राइवेट स्कूलों पर सख्ती की मांग
25 जून को जिला शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा विभाग की ओर से आरटीई के तहत दाखिला नहीं देने वाले 40 स्कूलों की सूची भेजकर मान्यता रद और एनओसी विड्रोल करने की मांग की थी। इनमें से कुछ स्कूलों ने कार्रवाई के डर से दाखिला दे दिया, जबकि 30 स्कूल अभिभावकों को चक्कर लगवा रहे हैं। जो स्कूल आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। उनके खिलाफ जिला शिक्षा विभाग की ओर से पत्र लिखकर निदेशालय से एनओसी विड्रोल और मान्यता रद करने की मांग की जाएगी।
आरटीई के तहत दाखिला देने से प्राइवेट स्कूल मना नहीं कर कर सकते हैं। यदि कोई प्राइवेट स्कूल फार्म रिजेक्ट करता है तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कारण बताना होगा। निदेशालय की ओर से बच्चों को स्कूल अलाट हुए हैं, जो प्राइवेट स्कूल दाखिला देने में आनाकानी और खानापूरी कर रहे हैं, उनकी लिस्ट निदेशालय के पास भेज दी गई थी। ऐसे स्कूलों को नोटिस दिया गया है। - अशोक बघेल, जिला शिक्षा अधिकारी
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।