फरीदाबाद में प्रॉपर्टी आईडी की गड़बड़ी, टैक्स वसूली पर भी बड़ा असर, निगमकर्मी रातभर कर रहे कैंप
फरीदाबाद में प्रॉपर्टी आईडी सर्वे में हुई गलतियों के कारण आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम के कर्मचारी रात-दिन कैंप लगाकर गलतियों को ठीक कर रहे हैं ताकि प्रॉपर्टी टैक्स सही से वसूला जा सके। गलतियों के चलते निगम का राजस्व प्रभावित हो रहा है और टैक्स टारगेट पूरा नहीं हो पा रहा।

दीपक पांडेय, फरीदाबाद। प्राॅपर्टी आईडी सर्वे में की गई कंपनी की गलतियाें से आमजन परेशान हुआ तो खास की रात काली हो गई। इन गलतियों को दुरुस्त करने में अब नगर निगमकर्मी देर रात तक काम कर रहे हैं। रात को भी पार्कों में कैंप लगाए जा रहे हैं ताकि गलतियों को दुरुस्त करके प्राॅपर्टी टैक्स सही जगह पर भेजा जा सके।
नगर निगम का राजस्व भी प्रभावित हो रहा
आईडी में गलतियों की वजह से नगर निगम का राजस्व भी प्रभावित हो रहा है। लोग अपना टैक्स जमा नहीं कर पा रहे हैं। निगम कर्मियों को आईडी दुरुस्त करने के साथ ही उनका सत्यापन भी करवाना है क्योंकि बिना सत्यापन के टैक्स जमा नहीं हो पाएगा।
पूरी औद्योगिक नगरी में कुल 7.30 लाख प्राॅपर्टी आईडी हैं। इन आईडी में अभी तक कुल 1.84 लाख आईडी दुरुस्त और सत्यापित हो पाई हैं। ऐसे भी सभी आईडी सत्यापन को लेकर निगम को करीब सात से आठ माह का समय लग सकता है।
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री रख रहे नज़र
वहीं, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल खुद आईडी सत्यापन के काम की प्रगति पर नजर रख रहे हैं। धीमी गति को लेकर एक जेडटीओ को शहर से बाहर भी भेजा जा चुका है। पांच क्लर्क और एक जेडटीओ का वेतन भी काटा जा चुका है।
स्टाफ की कमी से बढ़ गई परेशानी
स्टाफ की कमी के कारण कराधान शाखा के अधिकारियों की परेशानी और अधिक बढ़ गई है। दरअसल, साढ़े सात लाख आइडी को दुरस्त करके उसको शहरी स्थानीय निकाय के पोर्टल पर अपलोड भी करना है।
निगम की ओर से डाटा एंट्री के लिए आईटीआई के छात्रों का सहयोग लेने की योजना तैयार की गई थी। इसके लिए आइटीआइ से टाइअप भी हो गया था। मगर किन्हीं कारणों से मामला सिरे नहीं चढ़ सका। अब निगमकर्मियों की परेशानी का देखते हुए आयुक्त ने प्रदेश सरकार से 120 डाटा एंट्री आपरेटर भर्ती करने की मांग की है।
टैक्स का टारगेट नहीं हो पा रहा पूरा
कराधान शाखा के सभी निगम कर्मियों का प्रापर्टी आइडी दुरुस्त और सत्यापन में लगने की वजह से टैक्स का टारगेट भी पूरा नहीं हो पा रहा है। जिसका प्रभाव सीधा विकास कार्याें पर पड़ रहा है। निगम ने 2024-25 में 85 करोड़ का टारगेट तय किया था। इसमें 45 करोड़ ही वसूल हो पाए।
प्रदेश सरकार को 120 डाटा एंट्री आपरेटर भर्ती करने के लिए पत्र लिखा गया है। कराधान शाखा के कर्मियों पर प्राॅपर्टी आईडी की खामियों को दूर करने को लेकर पड़ रहे अतिरिक्त भार के संबंध में जानकारी मिली है।
धीरेंद्र खड़गटा, आयुक्त नगर निगम
प्राॅपर्टी आईडी और सत्यापन का रिकाॅर्ड
- 4.68 लाख रिहायशी प्रॉपर्टीज में से 1.32 लाख सत्यापित की गई हैं।
- 49 हजार वाणिज्य प्रॉपर्टीज में से 14 हजार ही सत्यापित की जा सकी हैं।
- कुल प्रॉपर्टी की बात की जाए तो 17 हजार इंडस्ट्रियल हैं। इनमें से 6400 सत्यापित कर ली गई हैं।
- 4,297 संस्थानों में से 1309 ही सत्यापित हो सके
- 7.30 लाख कुल आईडी में से 1.84 लाख सत्यापित हुईं
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।